मायावती की सियासत का अंत, दलित समाज को मिला नया नेता

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देश में राजनीती का एक वो भी दौर था जब MY फैक्टर को अगर कोई वर्ग चुनौती देता देता था तो वो था दलित वोटर . काशीराम का साथ मिला और मायावती उस दौर की दलितों की मसीहा बन गयी . मायावती एक बात समझ गयी थी की सत्ता हासिल करनी है तो दलित वर्ग के साथ ठाकुर और ब्राह्मण का साथ भी जरुरी है और 1995 में मायावती ने राजनितिक बिसात बिछाई, ठाकुर ब्राह्मणों को एकजुट किया और 1995 में पहली बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बन गयी .

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कहते हैं परिवर्तन ही प्रकृति का नियम हैं, जो समय के साथ न बदला उसका अश्तित्व समय के अतीत में खो सा जाता है वही हुआ मायावती के साथ | राजनीती बदली, समीकरण बदला, जनता का मिजाज बदला और न बदला तो मायावती की कार्यशैली, और चुनावी मुद्दे , उत्तरप्रदेश की 4 बार की मुख्यमंत्री की पार्टी अब एक सीट के लिए संघर्ष करती नजर आती है ,दलित वर्ग का हाल इस समय ऐसा है जैसे बिना राजा की प्रजा जिसे सब हथियाना चाहते हैं ऐसे में एक उम्मीद की रौशनी दिखी है बिहार से , दलित वर्ग का ऐसा नेता जिसने इस लोकसभा चुनाव में अपना शतप्रतिशत दिया नाम है चिराग पासवान , चिराग पर मोदी मेहरबान भी दिख रहे है हों भी क्यों न क्योंकि वो बिहार में युवा वर्ग में सबसे लोकप्रिय जो हैं – बिना राजा की प्रजा को काबिल राजा चाहिए और शायद मोदी जी ने वो राजा खोज भी लिया है.बसपा सुप्रीमो मायावती की दलित सियासत का अंत हुआ…तो वहीं देश में नई दलित सियासत का चिराग जल उठा…हालांकि चिराग जला है बिहार से लेकिन रोशनी पूरे उत्तर भारत में है…जी हां हम बात कर रहे है दिग्गज दलित नेता रामविलास पासवान के बेटे और हाजीपुर से सांसद चिराग पासवान की…जिसका लोकसभा चुनाव 2024 में स्ट्राइक रेट शत प्रतिशत है…

चिराग ने तेजस्वी यादव को तो बहुत पीछे छोड़ ही दिया वहीं नीतीश कुमार, अखिलेश यादव, ममता बनर्जी जैसी क्षेत्रीय क्षत्रपों की चमक भी इस बार चिराग के आगे फीकी सी है….क्योंकि उत्तर भारत में चिराग पासवान की पार्टी लोकजनशक्ति पार्टी रामविलास इकलौती पार्टी है…जिसने बिहार की 5 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा और पांचों सीट पर विजय पताका फहराया…यानी शत प्रतिशत जीत का रिकॉर्ड बनाया…और अब चिराग पासवान Nda सरकार का हिस्सा बन गए..नरेंद्र मोदी की तीसरी सरकार में चिराग को कैबिनेट मंत्री का पद मिला है अब वह फूड प्रोसेसिंग मंत्रालय का जिम्मा संभाल रहे है…. जिस तरीके से NDA की बैठक में नरेंद्र मोदी ने चिराग को गले लगाया और अपने भाषण में तारीफ की…वह पूरे देश ने देखा…आपको बता दें की बॉलीवुड के स्टार रहे चिराग पासवान बड़ी राजनैतिक विरासत लेकर सियासत में उतरे थे…लेकिन पिता के निधन के तुरंत बाद उनके जीवन में भूचाल आ गया…और चिराग की सियासत बेपटरी हो गई….लेकिन चिराग ने संघर्ष में जिस तरह धैर्य का परिचय दिया..उसने चिराग को सियासत का सुपरस्टार बना दिया…अपनों की साजिश में सब कुछ खोने वाले चिराग अब उत्तर भारत के सबसे बड़े दलित नेता बनकर उभरे है….

चिराग ने मोदी के दिए संकट में भी खुद को मोदी का हनुमान बताया….और अब सूत्रों की माने तो pm Modi बिहार में चिराग को तेजस्वी यादव के सामने प्रोजेक्ट करने के प्लान में है..चिराग की तेजस्वी की तरह युवाओं में डिमांड और चिराग की अपनी जाती में पैठ देखते हुए भाजपा बिहार में चिराग पर दांव लगा सकती है….फिलहाल चिराग पासवान मोदी कैबिनेट में मंत्री बन नरेंद्र मोदी के हनुमान बन काम करने के लिए जुट गए है… चिराग का तप, त्याग, धैर्य, स्वभाव, संघर्ष, वफादारी और दिमाग देख pm Modi ही नहीं राजनेतिक पंडित भी भविष्य में चिराग को देश की सियासत का सबसे बड़ा दलित नेता….और बिहार के नेता नंबर वन के रूप में देख रहे है..

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