चित्र : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल।
नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 28 मार्च को दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत में पेश करेगा, क्योंकि अब रद्द हो चुके शराब नीति मामले में उनकी हिरासत समाप्त हो रही है।
ईडी के बाद, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) भी जांच के सिलसिले में केजरीवाल की हिरासत की मांग कर सकती है। दरअसल, सीबीआई पहली केंद्रीय जांच एजेंसी थी जिसने इस मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सहित 14 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। सिसोदिया फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं।
ईडी 21 मार्च को समाप्त हो चुकी आबकारी नीति के संबंध में धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत धन शोधन के आरोपों की जांच कर रही है। अगले दिन, ट्रायल कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को 28 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेज दिया।
28 मार्च को दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था, जो ईडी की हिरासत में हैं, जांच एजेंसी को नोटिस जारी किया था और याचिका को 3 अप्रैल के लिए सूचीबद्ध किया था। केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।
ईडी ने राउज एवेन्यू कोर्ट को बताया था कि आम आदमी पार्टी (AAP) को दिल्ली शराब नीति से फायदा हुआ और कथित तौर पर उसने गोवा चुनावों के लिए इसका 45 करोड़ रुपए इस्तेमाल किया।
तो वहीं, आप ने भ्रष्टाचार के आरोपों से इनकार करते हुए कहा है कि ये आरोप मनमाने तरीके से लगाए जा रहे हैं। पार्टी ने कहा कि जब तक वह अदालत में आरोपों से लड़ती रहेगी, केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बने रहेंगे।