चित्र : अभिनेता रणदीप हुड्डा।
बॉलीवुड अभिनेता रणदीप हुड्डा इन दिनों चर्चा में हैं, चर्चा का कारण है उनकी फिल्म स्वतंत्र वीर सावरकर, लेकिन रणवीर एक इंटरव्यू में कहते हैं कि जब उनकी एक ओर फिल्म ‘बैटल ऑफ सारागढ़ी’ बनते-बनते रह गई तो उस वक्त वो काफी परेशान हो गए थे। उन्हें अपने घर की चीजें और अपना पसंदीदा घोड़ा भी बेचना पड़ा।
रणदीपकी फिल्म स्वतंत्र वीर सावरकर, शुक्रवार को रिलीज हुई। इस फ़िल्म को लोगों ने काफी पसंद किया है। यह फ़िल्म रणदीप की बतौर निर्देशक पहली फिल्म भी है। हाल ही में, अभिनेता ने पेशेवर रूप से एक मुश्किल दौर से गुज़रने के बारे में बात की। उन्होंने यह भी बताया कि जब बैटल ऑफ़ सारागढ़ी को बंद कर दिया गया तो वे कैसे उदास हो गए और उन्होंने क्रिस हेम्सवर्थ की 2020 की फिल्म एक्सट्रैक्शन में काम करने का मौका खो दिया था।
रणदीप क्यों थे निराश
रणदीप ने फेसबुक पेज ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे को बताया, ‘बैटल ऑफ सारागढ़ी जैसी फिल्म में काम करते हुए मैंने 3 साल तक पूरी सिख दाढ़ी बढ़ाई, इसके लिए तैयारी की और वह फिल्म पूरी नहीं हो पाई। वह मेरे लिए बहुत बुरा समय था और मैं बहुत उदास था।’
उन्होंने आगे कहा कि यह ऐसा था जैसे जीवन आधा कट गया हो, मैंने इसके लिए एक्सट्रैक्शन फिल्म को छोड़ दिया था। मैं एक बार स्वर्ण मंदिर गया था। मैंने वहां प्रतिज्ञा की थी कि जब तक फिल्म (सारागढ़ी की लड़ाई) पूरी नहीं हो जाती, मैं अपने बाल नहीं कटवाऊंगा, और जब यह पूरी हो गई, तो मैंने बाल कटवाए और आगे बढ़ गया।
उसके बाद, ये एक संघर्ष था क्योंकि तीन साल तक मेरे पास कोई काम नहीं था। मेरा वजन बढ़ गया था। यह सब अजीब लग रहा था और मुझे नहीं पता था कि क्या करना है, फिर मैं इससे बाहर निकल गया, मेरे माता-पिता वास्तव में चिंतित थे।
बॉक्स ऑफिस पर स्वतंत्र वीर सावरकर जलवा बरकरार
रणदीप हुड्डा ने यह भी बताया कि कैसे उस नीरस दौर ने उन्हें एक अभिनेता के तौर पर बदल दिया। उन्होंने कहा, ‘अगर मुझे बहुत जल्दी सफलता मिल जाती, तो मैं आज वह अभिनेता नहीं होता जो मैं हूं। मैंने प्रयास करना छोड़ दिया होता, लेकिन उस संघर्ष ने मुझे खुद को और अधिक और सबसे कठिन परिस्थितियों में लागू करने के लिए प्रेरित किया।’
बहरहाल, रणदीप की नवीनतम फिल्म स्वतंत्र वीर सावरकर ने बॉक्स ऑफिस पर कमाई के मामले में अच्छा प्रदर्शन कर रही है।