रियल केरला स्टोरी : कौन हैं अब्दुल रहीम, जिनके लिए केरलवासियों ने कलेक्ट किए 34 करोड़ रुपए

0
43

चित्र : अब्दुल रहीम।

तिरुवनन्तपुरम। केरलवासियों ने धार्मिक और राजनीतिक दायरे से ऊपर उठकर सऊदी अरब में मौत की सजा पाए एक व्यक्ति को छुड़ाने के लिए 40 दिनों के भीतर 34 करोड़ रुपये जुटाने के लिए हाथ मिलाया। इस मानवीय पहल को दर्शाती हुई ये रियल केरला स्टोरी है।

पूरी राशि शुक्रवार शाम को जुटा ली गई, जबकि पीड़ित परिवार को 15 मिलियन सऊदी रियाल (एसआर) की राशि का भुगतान करने के लिए अदालत द्वारा निर्धारित समय सीमा को पूरा करने में केवल तीन दिन शेष रह गए थे।

बता दें कि 41 वर्षीय अब्दुल रहीम को 18 साल पहले रियाद की एक अदालत ने मौत की सज़ा सुनाई थी, जिसके बाद से वह फांसी के इंतजार में जेल में बंद है। हाल ही में, केरल के प्रवासी पीड़ित के परिवार को ब्लड मनी (अरबी में ‘दीया’) के बदले में माफ़ी देने के लिए मनाने में कामयाब रहे, जिसे 15 अप्रैल से पहले चुकाया जाना था।

सऊदी अरब जाने से पहले कोझिकोड के फेरोके में ऑटो चालक रहीम को अपने स्पांसर के 15 वर्षीय लकवाग्रस्त बेटे की हत्या का दोषी ठहराया गया था। उसका काम लड़के की देखभाल करने के लिए रखा, लेकिन रहीम ने गलती से लड़के की गर्दन में लगी एक मेडिकल किट गिरा दी जो उसे सांस लेने में मदद करती थी। लड़का बेहोश हो गया और मर गया।

उनकी मौत की सजा के खिलाफ लगातार अपील ने उन्हें समय दिया, हालांकि ट्रायल कोर्ट ने 2011, 2017 और 2022 में हर बार अपील विफल होने पर आदेश को नवीनीकृत किया गया। सऊदी अरब में रहने वाले केरल के बिजनेसमेन अशरफ वेंगहट ने शुक्रवार को मीडिया में दिए बयान में कहा कि बताया, ‘वर्षों तक क्षमादान देने से इनकार करने के बाद, लड़के के परिवार ने पिछले वर्ष 15 मिलियन सऊदी रियाल के बदले में क्षमादान देने पर सहमति व्यक्त की।’

पीड़ित के परिवार की ओर से लिखित वचनबद्धता के मद्देनजर फांसी के आदेश को कुछ समय के लिए रोक दिया गया था, जिसमें उसे रक्त के पैसे के बदले में क्षमा प्रदान करने की बात कही गई थी, जिसका भुगतान 16 अक्टूबर, 2023 को समझौते पर हस्ताक्षर करने के छह महीने के भीतर किया जाना था।

इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग से संबद्ध संगठन केरल मुस्लिम सांस्कृतिक केंद्र की सऊदी इकाई के महासचिव वेंघाट हाल ही में बीजेपी सहित सभी राजनीतिक दलों की मदद से दान अभियान चलाने के लिए कोझिकोड पहुंचे थे।

वेंगहट ने कहा कि रहीम की जान बचाने के लिए गठित समिति में हिंदू और मुसलमान और बीजेपी सहित सभी राजनीतिक दलों के सदस्य हैं। उन्होंने कही ये रियल केरला स्टोरी है। बता दें कि सुरेश नामक एक व्यक्ति कानूनी सहायता समिति के अध्यक्ष हैं, जिसने 3 मार्च को कोझिकोड में सेव अब्दुल रहीम मोबाइल ऐप लॉन्च किया। जिसके बाद अब्दुल के परिवार को ये सहायता मिली।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here