पूर्वांचल में तपती गर्मी के बीच बढ़ा चुनावी पारा

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प्रचार की पिच पर आखिरी ओवर में धुआंधार बैटिंग का आलम ये है कि एक-एक दिन में दिग्गज नेता चार से 5 जनसभाएं कर रहे हैं. सूरज इन दिनों आग बरसा रहा है लेकिन चुनावी मैदान का पारा सामान्य से कई डिग्री ज्यादा है. वजह है मुकाबले में सबसे आगे निकलने की होड़ है.

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यूपी के पूर्वांचल की जिन 13 सीटों पर 7वें दौर में वोटिंग होनी है वही सीएम योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव के बीच जबर्दस्त भिड़ंत हुई. आर-पार भले ही जुबानी हो लेकिन बीजेपी और सपा के समर्थक इस मुकाबले को किसी युद्ध से कम नहीं मान रहे.वहीं अगर बाद की जाए विपक्ष की तो विपक्ष सिर्फ एक ही मुद्द् को बार बार उठाता रहा है ..विपक्ष ने हमेशा बेरोजगारी ,महंगाई और बेसिक सुविधाएं और किसानों को लेकर मुद्दा उठाता रहा लगातार अखिलेश यादव सीएम योगी और पीएम मोदी को बेराजगारी और को लेकर घेरता रहा है वहीं अखिलेश यादव की बात करें तो उन्होने अब तक 67 चुनावी जनसभाएं की है. यूपी की रणभूमि में सबसे बड़े संग्राम का ये वो आखिरी दौर है जिसे लंबे समय तक याद रखा जाएगा. पूर्वांचल में तपती गर्मी के बीच चुनावी पारा लगातार चढ़ रहा है. आखिरी दौर में यूपी में पूर्वांचल की 13 सीटों पर जबर्दस्त मुकाबला है. सातवें चरण के प्रचार का 30 मई की शाम को थम जाएगा और आखिरी बचे कुछ वक्त में अपने समर्थकों में जोश भरने के लिए तमाम दल हदों की परवाह नहीं कर रहे.चुनावी मैदान में इतिहास के पन्ने पलटे जाने जारी हैं. इतिहास के खलनायकों का जिक्र कर भविष्य की राह आसान की जा रही तो झूठ और सच के तराजू पर एक दूसरे के वादे और इरादों को भी तौला जा रहा. वहीं लोकसभा चुनाव के लिए जारी घोषणा पत्र में भाजपा ने मोदी की गारंटी नाम दिया तो कांग्रेस ने इसे न्याय पत्र कहा है. हालांकि चुनावी जनसभाओं में घोषणा पत्र के वादों की बात न होकर दोनों गठबंधन दलों के नेता एक-दूसरे पर हमला कर रहे हैं. खास तौर से पीएम नरेंद्र मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाने के साथ 2047 के विकसित भारत के सपने को साकार करने का आह्रवान कर रहे हैं. इसके अलावा राम मंदिर का निमंत्रण ठुकराने और भ्रष्टाचार और परिवारवाद के लिए विपक्षी दलों पर हमलावर हैं. अनुच्छेद 370, तीन तलाक और राम मंदिर जैसे मुद्दों से वह मोदी की गारंटी बताकर लोगों को ये विश्वास दिलाने की कोशिश में जुटे हैं कि वह जो कहते हैं वो करते हैं. इसके अलावा दक्षिण भारत के लिए किच्चातिवु, सनातन जैसे मुद्दे भी मोदी के तरकश में हैं. उधर विपक्ष इलेक्टोरल बाॅन्ड को लेकर भाजपा पर हमलावर थी. इंडिया गठबंधन के नेता लोगों को मोदी का डर भी दिखा रहे थे खास तौर से राहुल गांधी जनसभाओं में ये दावा कर रहे थे कि अगर मोदी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने तो वह संविधान बदल देंगे. लोकतंत्र खत्म कर देंगे. इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों के नेता भी कुछ ऐसी ही कोशिश में जुटे हुए हैं. विपक्ष के नेताओं को निशाना बनाना, केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग को लेकर केंद्र सरकार पर लगातार आरोप लगाया जा रहा है,वहीं पीएम और सीएम योगी भी मंगलसूत्र को लेकर जुबानी जंग प्रचार खूब तेज हुई इसका भी बीजेपी ने मुद्दा बनाया गया…. पहले चरण में उत्तर प्रदेश की 8 सीटों पर चुनाव थे यहां चुनावी अभियान की शुरुआत पीएम नरेंद्र मोदी ने मेरठ से की थी. इस रैली में ही पीएम मोदी ने भ्रष्टाचार पर करारे प्रहार कर ये जता दिया था कि लोकसभा चुनाव में यह बड़ा मुद्दा बनने जा रहा है. पीएम नरेंद्र मोदी ने यहां विपक्ष की नाकामियां, गन्ना किसानों और सरकार की उपलब्धियों का जिक्र किया था. राम मंदिर के प्राणप्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण ठुकराने के लिए विपक्ष को घेरकर पीएम मोदी ने पश्चिमी यूपी का नरैटिव सेट कर दिया था. इसके बाद पीलीभीत व अन्य रैलियों में भी पीएम मोदी इन्हीं मुद्दों पर कायम रहे. इसके जवाब में सपा प्रमुख अखिलेश यादव अग्निवीर, किसान कानून, पेपर लीक और विपक्ष के नेताओं की गिरफ्तारी जैसे मुद्दों पर भाजपा को घेरने की कोशिश करते नजर आए. इसके अलावा पीडीए यानी पिछड़ा दलित और अल्पसंख्यक का जिक्र कर नरैटिव सेट करने की कोशिश का गई.

प्रचार की पिच पर आखिरी ओवर में धुआंधार बैटिंग का आलम ये है कि एक-एक दिन में दिग्गज नेता चार से 5 जनसभाएं कर रहे हैं. 5 साल में एक बार आने वाले इस प्रचार काल में लगातार सभी नेता चाहे बीजेपी हो या फिर इंडिया गठबंधन दोनो के नेता प्रचार में 50 के करीब तापमान में भी रैलियां और रोड शो किया लेकिन आज शा चुनाव प्रचार थम गया और अब ये क्लाइमेक्स की तरफ बढ़ चला है.क्यों कि अब पार्टियों को 4 जून को होने वाले मतगणना का इंतजार रहेगा अभी 1 जून को सातवें चरण का चुनाव होना बाकी है लेकिन आज से सभी नेता आराम मोड पर बैठ जाएंगे और नेताओ का बीपी हाई करने वाला 4 जून का इंतजार हो रहा है … क्यों सभी अपने अपने जीत का दावा ठोक रहें है लेकिन इस 4 जून को जनता किसकी गर्मी बढ़ाएगी अभी इसका इंतजार 4 दिन और करना होगा ऐसे मे सीएम योगी ने कल कहा कि दो लड़कों की सरकार जब भी बनती है अनर्थ होता है.याद करिए जब प्रदेश में सपा की सरकार थी और केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी तो राम मंदिर पर हमला हुआ, काशी में हमला हुआ. ये लोग फिर से उसी मानसिकता से आकर वैसी ही अराजकता पैदा करना चाहते हैं.उधर रॉबर्ट्सगंज में अखिलेश यादव ने कहा कि पेपर लीक नहीं हुआ है..जानबूझकर कराया है..ये इसलिए कराया जिससे नौजवानों को नौकरी न देना पड़े. अगर एनडीए ने रिकॉर्ड बनाया है नौकरी नहीं देने का.तो इंडिया गठबंधन नौकरी देने का रिकॉर्ड बनाएगा जहां इन्होंने नौकरी छीनने का रिकॉर्ड बनाया है तो हम नौकरी देने का रिकॉर्ड बनाएंगे..लेकिन अब देखना ये होगा कि ये 2024 की परीक्षा कौन पास करता है ये तो यूपी की 80 सीटें ही तय करेंगी और 2027 मे क्या बीजेपी को कड़ी मेहनत करनी पडेगी या फिर जनता ने फिर से एक बार योगी सरकार का काम आसान कर दिया है और अखिलेश भैया की टेंशन बढ़ा देगी ययॉ..क्यो कि ये तो इस बार के चुनाव में तय हो जाएगा कि बीजेपी ने विकास किया है या फिर सिर्फ जनता को और खुद का विकास चाहिए ये तो आने वाला समय ही बताएगा क्यों पार्टी कोई भी हो इस बार के चुनाव में किसी ने भी प्रचार प्रसार में कोई कोर कसर नही छोड़ी है लेकिन इस भीषण गर्मी में किसकी मेहनत सफल हुई है ये तो जनता 4 जून को बंद हुए पिटारे से किसके गद्दी पर बैठाएगी ये देखनी वाली बात होगी ……..तो इस तरह से कई मुद्दे थे जिनको योगी और मोदी ने समय समय पर जनता के बीच रखा लेकिन विपक्ष के पास बेरोजगारी किसान मंहगाई न लूट हत्या .स्वास्थ्य .जैसे मुद्दो को बीच में रखा ऐसे जनता किस किस आधार पर वोट किया इस बार वो जल्द ही तय हो जाएगा य…..

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