राजा की नाराजगी से पूर्वांचल में बिगड़ेगा बीजेपी का गणित, 5 सीटो पर 10 लाख है ठाकुर वोट

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देश मे 5 चरण के चुनाव हो चुके है। यूपी में दो चरणों मे पूर्वांचल लोकसभा क्षेत्र की सीटों पर चुनाव होने है। साल 2014 से ही पूर्वांचल की सीटों पर भारतीय जनता पार्टी का दबदबा रहा है। लेकिन इस बार पूर्वांचल का सियासी गणित भाजपा के लिए फीट बैठते नही दिख रहा हैं। इसका कारण है कुंडा से विधायक और जनसत्ता दल के मुखिया राजा भैया की नाराजगी. दरसअल कैबिनेट मंत्री और मिर्जापुर से सिटिंग एमपी अनुप्रिया पटेल ने एक जनसभा के दौरान राजा भइया पर निशाना साधा था। अनुप्रिया पटेल ने जनसभा के दौरान कहा था कि राजा EVM से नही बनते

अनुप्रिया ने कसा था राजा भैया पर तंज

“स्वघोषित राजाओं को लगता है कुंडा उनकी जागीर, उनके भ्रम को तोड़ने का अवसर आया, राजा लोकतंत्र में रानी की पेट से पैदा नहीं होते, अब राजा ईवीएम के बटन से पैदा होता है.” इसके अलावा प्रतापगढ़ से अपना दल एस प्रत्याशी संगमलाल गुप्ता ने भी इस चुनाव को जातीय रंग देने की कोशिश भी की गई जहां वो एक जनसभा के दौरान ये कहकर रोने लगे कि वो वो तेली समाज से आते है इसलिए उनका विरोध हो रहा है. क्या सिर्फ क्षत्रिय समाज के लोग ही यहां से चुनाव लड़ेंगे?

अनुप्रिया पटेल ने आग में डाला घी, अब राजा का सपा को समर्थन

एक तरफ राजा भइया और अमित शाह की मुलाकात के बाद भी समर्थन पर बात नही बन पाई तो चर्चाएं ये भी चली की राजा भैया सशर्त समर्थन चाहते थे लेकिन बात नही बनी। उधर ये भी खबरें आने लगी कि राजा भइया अंदरखाने सपा को समर्थन दे रहे है क्योंकि वो भाजपा से नाराज चल रहे है। लेकिन इन सब बातों पर अनुप्रिया पटेल के बयानों ने आग में घी डालने का काम किया है। एक तरफ ठाकुर समाज की नाराजगी पहले से ही थी और अब इसी समाज से आने वाले राजा भइया भी अब अनुप्रिया पटेल के विरोध में प्रचार करते नजर आ सकते है। ऐसे में भाजपा को कुछ सीटों पर नुकसान हो सकता हैं। राजा भइया अपने बयानों में ये भी साफ कह चुके है कि सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव से उनके सम्बंध अच्छे हुए है। राजा के विरोध के बाद से ही बीजेपी की चिंताएं प्रतापगढ़ और मिर्जापुर सीट पर बढ़ गयी है।

पूर्वांचल की इन 5 सीटों पर है राजा भैया की पकड़

राष्ट्रीय जनसत्ता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भईया की पकड़ पूर्वांचल की 5 सीटों पर मजबूत है। प्रतापगढ़, जौनपुर, मछलीशहर, मिर्जापुर, जौनपुर, घोसी में राजा भैया का अच्छा खासा प्रभाव है। प्रतापगढ़ उनका गृह जनपद है जहां 1.25 लाख ठाकुरों का उनको समर्थन है और इसके अलावा ब्राह्मण और कुर्मियों भी इनकी मजबूत पैठ है। इसके अलावा बाकी अन्य जगहों पर भी राजा भइया के अच्छे सम्बंध है।

नाकाम रही अमित शाह की राजा को साधने की पहल:

उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल की लोकसभा सीटों को फतह करने के लिए भारतीय जनता पार्टी को राजा भैया का समर्थन चाहिए था जिसके लिए अमित शाह ने सुनील बंसल को जिम्मेदारी भी दी थी। अमित शाह ने राजा भैया को बेंगलुरु बुलवाया उनसे मुलाकात की राजा भैया बताते हैं कि काफी अच्छी मुलाकात रही कई मुद्दों पर बातचीत हुई लेकिन समर्थन को लेकर बात बन नहीं पाई। कुछ मुद्दे थे जिस पर अमित शाह अभी अपना स्टैंड क्लियर नहीं रखना चाहते थे इसके बाद राजा भैया ने कार्यकर्ताओं की एक बैठक बुलाई और कार्यकर्ताओं को जिसे चाहे उसे वोट देने की बात कही लेकिन अंदर खाने ही प्रतापगढ़ और कौशांबी, मिर्जापुर की सीट पर राजा भैया विपक्ष को समर्थन देते दिखाई दे रहे हैं।

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