उत्तर प्रदेश में एक बार फिर मौसम का मिजाज बदल गया है। चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ (Cyclone Motha) का असर अब उत्तर भारत के कई हिस्सों में देखा जा रहा है। राजधानी लखनऊ समेत राज्य के कई जिलों में मंगलवार सुबह से ही आसमान में घने बादल छाए रहे। कहीं-कहीं हल्की बारिश हुई, तो कुछ इलाकों में रुक-रुककर बौछारें पड़ती रहीं। तापमान में गिरावट के साथ ठंडी हवाओं ने मौसम को सुहावना बना दिया है।
मौसम ने दिया 48 घंटों का अलर्ट
मौसम विभाग के अनुसार, चक्रवात मोंथा बंगाल की खाड़ी से आगे बढ़ते हुए पूर्वी भारत के हिस्सों को प्रभावित कर रहा है, जिसका असर उत्तर प्रदेश में भी देखने को मिल रहा है। विभाग ने अगले 48 घंटों के लिए राज्य के कई जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया है। विशेष रूप से मिर्जापुर, वाराणसी, सोनभद्र, चंदौली, प्रयागराज, और आसपास के क्षेत्रों में मध्यम से तेज बारिश की संभावना जताई गई है। वहीं, लखनऊ, कानपुर, सीतापुर, उन्नाव, बहराइच, लखीमपुर खीरी, फर्रुखाबाद, आगरा, झांसी, ललितपुर, महोबा और हमीरपुर जिलों में हल्की बारिश और बादलों की आवाजाही बनी रहने के आसार हैं।
तापमान में गिरावट
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अगले दो दिनों तक पूरे प्रदेश में आंशिक से लेकर सामान्य बारिश हो सकती है। इसके साथ ही हवा की रफ्तार 20 से 30 किलोमीटर प्रति घंटे तक रहने की संभावना है। बारिश के कारण दिन के तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी, जबकि रातें सामान्य से थोड़ी ठंडी हो सकती हैं। इससे फसलों और किसानों को भी राहत मिलने की उम्मीद है, क्योंकि पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में सूखे जैसी स्थिति बनी हुई थी।
लखनऊ में आसमान में छाए घने बादल
लखनऊ में मंगलवार सुबह से ही आसमान में घने बादल छाए रहे। दोपहर होते-होते कई इलाकों में हल्की बारिश ने लोगों को गर्मी और उमस से राहत दिलाई। शहर के गोमती नगर, हजरतगंज, अलीगंज और चारबाग क्षेत्रों में बूंदाबांदी से मौसम सुहावना बना हुआ है।
मौसम विभाग की सलाह
मौसम विभाग ने लोगों को सलाह दी है कि अगले कुछ दिनों तक मौसम में होने वाले बदलाव को ध्यान में रखते हुए आवश्यक सावधानियां बरतें। खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपनी तैयार फसलों को सुरक्षित स्थानों पर रखें ताकि बारिश से नुकसान न हो। अगर मौसम विभाग के अनुमान सही रहे, तो अगले 48 घंटों में उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में मानसूनी जैसा माहौल देखने को मिल सकता है, जिससे तापमान में गिरावट और ठंड के आगमन के संकेत मिलने शुरू हो जाएंगे।


