भारतीय राजनीति के आकाश में ध्रुवतारे के समान थे युवा तुर्क Chandra Shekhar

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Young Turk Chandra Shekhar was like the polestar in the sky of Indian politics

राजनीति में कम ही ऐसी किरदार हुए हैं “मनसा वाचा कर्मणा” की उक्ति के अनुरूप कार्य किया हो परन्तु एक ऐसा नाम जिसने लोकसभा में बलिया का कई-कई बार प्रतिनिधित्व किया और युवा तुर्क के नाम से मशहूर रहे Chandra Shekhar ने इस उक्ति (मनसा वाचा कर्मणा) को अपने कर्मो से चरितार्थ किया।

बागी बलिया की धरती ने यूं तो कई ऐसे लाल दिए जिन्होंने विश्व फलक पर बलिया का नाम रोशन किया इसी फेहरिस्त में एक नाम Chandra Shekhar का भी था जिन्होंने बलिया से कई बार लोकसभा का चुनाव जीता मंत्री पद ठुकराते रहे और बने तो सीधा भारत के प्रधानमंत्री।

खुले मंचों से अपनी बातों को बेबाकी से रखने के लिए विपक्षी भी अक्सर उनकी तारीफ किया करते थे। Chandra Shekhar जी पर Rajeev Gandhi की जासूसी कराने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने उनसे अपना समर्थन वापस ले लिया था जिसके बाद Chandra Shekhar के नेतृत्व वाली सरकार अल्पमत में आ गई और उन्होंने इस्तीफा दे दिया।

Chandra Shekhar said to Sharad Pawar “Go and tell them that I do not change decisions three times a day”

Rajeev Gandhi की जासूसी कराने के मामले को लेकर गहमा-गहमी चल ही रही थी इसी बीच Rajeev Gandhi की तरफ से शरद पवार Chandra Shekhar से बात करने पहुंचे और उन्होंने कहा कि कुछ गलतफहमी हुई है कांग्रेस नहीं चाहती कि आपकी सरकार गिरे आप अपना इस्तीफा वापस ले लें। इसके बाद तल्खी भरे लहजे में Chandra Shekhar ने शरद पावर से कहा “जाओ और उनसे कह देना कि मैं दिन में तीन बार फैसले नहीं बदलता” इस पूरी घटना का जिक्र शरद पवार ने अपनी आत्मकथा में किया है।

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