चित्र : कांग्रेस के सभी 06 अयोग्य विधायकों ने बीजेपी ज्वाइन की।
शिमला (हिमाचल प्रदेश)। राज्य में विधानसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बड़ा दांव खेलते हुए, कांग्रेस के सभी 06 अयोग्य विधायकों को मैदान में उतारा है। अयोग्य ठहराए गए छह विधायक और साथ में अपनी सीट छोड़ने वाले तीन निर्दलीय विधायक शनिवार को नई दिल्ली में बीजेपी में शामिल हो गए।
अयोग्य ठहराए गए विधायक में सुधीर शर्मा, रवि ठाकुर, राजिंदर राणा, इंदर दत्त लखनपाल, चेतन्य शर्मा और देविंदर कुमार भुट्टो हैं। केंद्रीय मंत्री और हमीरपुर के सांसद अनुराग ठाकुर, हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर, की उपस्थिति में ये विधायक बीजेपी में शामिल हो गए। इस मौके पर बीजेपी के महासचिव अरुण सिंह और राज्य इकाई के अध्यक्ष राजीव बिंदल मौजूद रहे।
बता दें उपचुनाव में, बीजेपी ने धर्मशाला से सुधीर शर्मा, लाहौल और स्पीति से रवि ठाकुर, सुजानपुर से राजिंदर राणा, बड़सर से इंदर दत्त लखनपाल, गगरेट से चैतन्य शर्मा और कुटलेहर से देविंदर कुमार भुट्टो को मैदान में उतारा है।
इन छह सीटों के लिए उपचुनाव एक जून को होंगे। यह चुनाव उस वक्त होंगे जिस दिन आम चुनाव के सातवें चरण में पहाड़ी राज्यों की चार लोकसभा सीटों पर मतदान होगा। बता दें कि पूर्व में कांग्रेस में रहे छह विधायकों को सदन में कटौती प्रस्ताव और बजट के दौरान राज्य सरकार (जोकि कांग्रेस की है) के विपक्ष में मतदान करने के कांग्रेस पार्टी और पार्टी के संविधान का उल्लंघन करने के वजह से 29 फरवरी को अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इसके बाद 6 विधायकों ने बीजेपी ज्वाइन की।
इस बीच, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खु ने एक समाचार एजेंसी से कहा, ‘इससे साबित होता है कि बीजेपी खरीद-फरोख्त में लगी है। राज्य की जनता उन्हें सबक सिखाएगी।
तो वहीं, बीजेपी नेता जय राम ठाकुर ने छह पूर्व कांग्रेस विधायकों के बीजेपी में शामिल होने को इस छोटे से राज्य के लिए एक बड़ी राजनीतिक घटना बताया था और कहा था कि इनमें से कई नेता पार्टी में वरिष्ठ पदों पर रह चुके हैं।
बता दें कि पिछले महीने, कांग्रेस सरकार को राजनीतिक संकट का सामना करना पड़ा था, जब बीजेपी ने नौ विधायकों के समर्थन के कारण राज्य की एकमात्र सीट के लिए राज्यसभा चुनाव जीता था। हालांकि, सुखू ने हिम्मत दिखाई है और उनकी सरकार को तत्काल कोई खतरा नहीं दिख रहा है, लेकिन बीजेपी उपचुनावों में जीत के साथ उनकी सरकार को गिराने की कोशिश कर रही है, क्योंकि उसे लगता है कि इससे सत्तारूढ़ पार्टी के और विधायक उसके पाले में आ सकते हैं।
कांग्रेस के छह विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के बाद अब 62 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों की संख्या 39 से घटकर 33 रह गई है। इसकी मूल संख्या 68 है। बीजेपी के 25 सदस्य हैं। विधानसभा अध्यक्ष, जो केवल फ्लोर टेस्ट के दौरान बराबरी की स्थिति में ही मतदान कर सकते हैं, कांग्रेस से संबद्ध हैं। अब तीन निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे से विधानसभा की संख्या और कम हो गई है।