अमानगढ़ के जंगल में पहली बार दुनिया का सबसे जहरीला सांप कहे जाने वाला किंग कोबरा शिकार करता हुआ कैमरे में कैद हुआ हैं। वन क्षेत्र में किंग कोबरा सांप देखें जाने से वनकर्मी बेहद उत्साहित हैं।
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प्रदेश में किंग कोबरा मैदानी जंगल से लेकर पहाड़ तक पाया जाता हैं। पारिस्थितिक तंत्र व भोजन श्रृंखला में इसका अहम योगदान होने के साथ यह शोधकर्ताओं का शोध का विषय भी रहा हैं।अमानगढ़ के जंगल सहित सीमावर्ती उत्तराखंड के जंगलों में सांपों की कई प्रजातियां मिलती हैं। इनमें सबसे जहरीला व लंबा किंग कोबरा सांप होता हैं। वन विभाग इसे पारिस्थितिकी तंत्र का अहम हिस्सा मानता हैं। वनकर्मियो का कहना हैं कि जहां कोबरा, रसेल वाइपर, करैत जैसे जहरीले सांपों को देखकर पसीने छूट जाते हैं वही किंग कोबरा जैसे सांप को शिकार करते देखना स्वंय में एक रोमांच भरा अनुभव हैं।

अमानगढ़ टाइगर रिजर्व रेंज स्टाफ ने बताया कि जंगल सफारी के दौरान पर्यटकों ने कंपार्टमेंट 12 -13 की फायर लाइन पर एक लंबे किंग कोबरा सांप को माॅनिटर लीजर्ड को शिकार करता देख सिहर उठें इसी दौरान नेचर गाइड ने किंग कोबरा सांप की तस्वीर अपने मोबाइल में कैद कर ली। लगभग आधे घंटे किंग कोबरा सांप के फायर लाइन से हटने के बाद सैलानी सफारी के लिये रवाना हुए।

आठ सप्ताह तक अंडे सेंकती हैं मादा
वन्यजीव सलाहकार सेवानिवृत्त डीएफओ ज्ञान सरन खुशारिया के मुताबिक अंडे देने के बाद मादा किंग कोबरा छह से आठ सप्ताह तक उन्हे सेकती हैं। किंग कोबरा सांपों की एक मात्र प्रजाति हैं जो घोंसला बनाकर रहता हैं। पिरूल या घास फूस और पत्तों से बना घोंसला देखने में गुंबदनुमा आकार का होता हैं।

"अमानगढ़ के जंगल का वातावरण वन्यजीवों के लिये अनुकूल हैं। इसी कारण अमानगढ़ जैव विविधता से परिपूर्ण हैं। वनाग्नि की घटनाओं में कमी आने व मौसम के साथ देने से विभाग व वन्यजीवों को राहत मिली हैं। हालांकि विभागीय अभिलेखों में अमानगढ़ रेंज में किंग कोबरा सांप मौजूदगी हैं, लेकिन अमानगढ़ के जंगल में किंग कोबरा पहली बार देखा गया हैं"
- अंशुमन मित्तल , उपप्रभागीय वनाधिकारी, नजीबाबाद

अमानगढ़ रेंज में किंग कोबरा पाया जाना प्रसन्नता का विषय है। इससे यह सिद्ध होता हैं कि अमानगढ़ की जैव विविधता व पर्यावरण बहुत अच्छा हैं। वन विभाग को किंग कोबरा के संरक्षण के लिये चाहिए की उसकी उपस्थिति वाले स्थान पर ज्यादा मानवीय दखल (पर्यटकों की आवाजाही) न हो। यह इंसानो व वन्यजीवों के लिये भी हानिकारक हो सकता हैं।
रिपोर्ट मो रफी