
उत्तर प्रदेश अब केवल जनसंख्या में ही नहीं, बल्कि अधोसंरचना के विकास में भी देश के अग्रणी राज्यों में शुमार हो रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने “एक्सप्रेसवे राज्य” बनाने की दिशा में मजबूत कदम उठाए हैं। सड़कों का यह जाल न केवल यात्रा को आसान बना रहा है, बल्कि औद्योगिक, व्यापारिक और सामाजिक विकास में भी अहम भूमिका निभा रहा है।
7 एक्सप्रेसवे बनकर तैयार, सड़कों पर दौड़ रही है रफ्तार
प्रदेश में अब तक 7 प्रमुख एक्सप्रेसवे बनकर तैयार हो चुके हैं, जिन पर तेज रफ्तार से वाहन दौड़ रहे हैं। ये एक्सप्रेसवे प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों को एक-दूसरे से जोड़ते हुए व्यापारिक, औद्योगिक और पर्यटन गतिविधियों को भी नई ऊर्जा दे रहे हैं।
इन 7 एक्सप्रेसवे में शामिल हैं:
- नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे
- यमुना एक्सप्रेसवे
- आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे
- पूर्वांचल एक्सप्रेसवे
- बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे
- मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेसवे
- गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे
इन सड़कों ने दिल्ली, लखनऊ, आगरा, गोरखपुर जैसे प्रमुख शहरों को एक नई रफ्तार से जोड़ा है। पर्यटन, व्यापार और कृषि उत्पादों की ढुलाई में भी इन एक्सप्रेसवे का असर स्पष्ट रूप से देखने को मिल रहा है।

5 नए एक्सप्रेसवे पर निर्माण कार्य जारी
उत्तर प्रदेश सरकार यहीं नहीं रुकी है। वर्तमान में प्रदेश में 5 नए एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर जारी है, जिनकी कुल लंबाई 1087.20 किलोमीटर है। ये परियोजनाएं अगले कुछ वर्षों में पूरा होने की उम्मीद के साथ ही प्रदेश की सूरत बदलने का दम रखती हैं।
निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे हैं:
- गंगा एक्सप्रेसवे
- चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे
- दिल्ली-सहारनपुर एक्सप्रेसवे
- बलिया लिंक एक्सप्रेसवे
- लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे
इन सड़कों के माध्यम से बुंदेलखंड, तराई और पूर्वांचल जैसे क्षेत्रों को राजधानी लखनऊ और अन्य बड़े औद्योगिक शहरों से सीधे जोड़ा जा रहा है।
पूर्वांचल को नई गति: गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का उद्घाटन
हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का उद्घाटन कर पूर्वांचल के विकास को एक नई रफ्तार दी है। यह एक्सप्रेसवे गोरखपुर को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ता है, जिससे इस क्षेत्र की यात्रा न केवल तेज होगी, बल्कि निवेश के नए रास्ते भी खुलेंगे।
2000 किमी से ज्यादा नेटवर्क: एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा हर कोना
उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है, जहां 2000 किलोमीटर से अधिक एक्सप्रेसवे नेटवर्क तैयार किया जा रहा है। इससे न केवल राजधानी और महानगरों की कनेक्टिविटी बेहतर होगी, बल्कि गांवों और पिछड़े क्षेत्रों में भी विकास की रोशनी पहुंचेगी।