उज्जैन: 15 करोड़ के जीपीएफ घोटाले का मामला हिरासत में भैरवगढ़ जेल की पूर्व अधीक्षक उषा राज को भैरवगढ़ थाना पुलिस ने हिरासत में लियाभोपाल से आए जेल डीआइजी मंशाराम पटेल व अन्य सदस्यों ने जांच पूरी कर जेल डीजी अरविंद कुमार को सौंप दी थी.
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रिपोर्ट के आधार पर जेल अधीक्षक उषा राज को उज्जैन से हटाकर भोपाल मुख्यालय अटैच कर दिया है. वहीं देवास जेल अधीक्षक हिमानी को उज्जैन जेल का प्रभार सौंपा गया है.उज्जैन केंद्रीय जेल भैरवगढ़ में कुछ दिनों पूर्व उजागर हुए जीपीएफ घोटाले की जांच पूरी हो गई है. जांच पूरी होने के बाद जेल मुख्यालय ने उषा राजे अधीक्षक केंद्रीय जेल उज्जैन को इस मामले में गंभीर वित्तीय अनियमितता बरतने के कारण तत्काल प्रभाव से जेल मुख्यालय भोपाल पर अस्थाई रूप से तैनात कर दिया है. जबकि उनके स्थान पर देवास की जेल अधीक्षक हिमानी मनवारे को अपने कार्य के साथ-साथ अधीक्षक केंद्रीय जेल उज्जैन का अतिरिक्त प्रभार अस्थाई रूप से सौंपा गया है.

सरकार के आदेश के मुताबिक, पत्र में इस बात का उल्लेख है कि जिला कलेक्टर द्वारा 11 मार्च को जिला कोषालय, उज्जैन के प्रारंभिक जांच के अनुसार केन्द्रीय जेल, उज्जैन के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जीपीएफ ट्रांजेक्शन में अनियमितता पाई गई. जिसमें कि राशि एक ही खाते में ट्रांसफर कर अनियमित फर्जी भुगतान IFMIS साफ्टवेयर के माध्यम से किए जाने की जानकारी दी गई थी. जांच में 13,50,46,325 की राशि का अनियमित भुगतान हुआ था. इस मामले में जेल मुख्यालय द्वारा जेल उप महानिरीक्षक (कल्याण) की अध्यक्षता में गठित उच्चस्तरीय समिति द्वारा जांच में लगभग 15 करोड़ का अनियमित भुगतान और गबन किया जाना पाया गया.

इस तरीके से किया गया था घोटाला
केंद्रीय जेल भैरवगढ़ के 100 कर्मचारियों के भविष्य निधि खातों से जेल के सहायक लेखा अधिकारी रिपुदमनसिंह व शैलेंद्रसिंह सिकरवार ने 15 करोड़ रुपये से अधिक की राशि निकाल ली. आरोपितों ने जेल के लैंडलाइन नंबर खातों में जोड़ दिए थे ताकि इससे गड़बड़ी का पता न चले सके. करीब तीन साल से गबन किया जा रहा था.