इस बार बारिश का ओवरटाईम चल रहा है…बादल लौटना भूल गये हैं…मानसून की बारिश देर से विदा हुई…तो पश्चिमी विक्षोभ की बारिश आ गयी…और यह बारिश भी बूंदाबादी जैसी नहीं है…बल्कि आंधी चल रही है…ओले गिर रहे हैं…और पानी भी भरपूर गिर रहा है…अप्रैल में पूरे माह बारिश हुई…और मई का आगाज़ भी बारिश से हुआ…
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जिस अप्रैल में लू के थपेड़ों से बाहर निकलने वालों के हाल बेहाल हो जाते थे… उस अप्रैल में शीतल बयार बह रही थी… मौसम तीनों मैदानी राज्यों छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश में ठंडा हो चुका है….एम पी के पचमढ़ी जैसे पर्वतीय इलाकों में तो न्यूनतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस तक गिर चुका है….
उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में भी बारिश हो रही है…बद्रीनाथ धाम की यात्रा रोकनी पड़ी है…वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बदलाव का कारण पश्चिमी विक्षोभ है….लेकिन पश्चिमी विक्षोभ क्यों सक्रिय हुआ है…शायद ग्लोबल वार्मिंग अब असर दिखाने लगी है…बदलते मौसम से जूझना एक समस्या है….कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों के लिए यह विशेष सावधानी का समय है….विभिन्न क्षेत्रों में मौसम के क्या हाल हैं यह जानने की कोशिश करते हैं….