मुद्दा तो है : रंग बदलते नाथ ! 

पीसीसी चीफ कमलनाथ ने 2 दिन के भीतर दो विस्फोटक बयान दिए… पहले उन्होंने कहा कि विधायकों की कोई कीमत नहीं होती. इसके बाद इंदौर में कहा कि न.. मैं मामा हूं, न किसान का बेटा हूं और न चाय वाला हूं.

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मैं तो समान्‍य व्‍यक्ति हूं.. नाथ ने चायवाला और मामा का जिक्र कर पीएम और सीएम पर तंज कसा था, इस पर बीजेपी ने पलटवार किया है… सीएम शिवराज सिंह ने ने कहा- कमलनाथ सही कह रहे हैं.. सोने की चम्मच मुंह में लेकर पैदा होने वाला चाय वाला नहीं बन सकता… गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा- सबको पता है कमलनाथ नाथ व्यापारी हैं…उन्‍होंने सरकार भी व्‍यापार की तरह चलाई थी.इसके जवाब में कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अब्बास हफीज ने अपराध के आंकड़े गिनाते हुए कहा… मामाजी के राज में महिलाओं पर सबसे ज्यादा अत्याचार हो रहे हैं.

लेकिन सवाल यह है कि कमलनाथ को खुद को सामान्‍य व्‍यक्ति क्‍यों बताना पड़ रहा है…….और यदि नाथ खुद को सामान्‍य आदमी बता रहे हैं तो बीजेपी को आपत्ति क्यों है… यह जानने की कोशिश करेंगे लेकिन पहले देखिए यह रिपोर्ट.

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