नशा एक ऐसी लत है जो इंसान की जिंदगी को बर्बाद कर सकता है…नशा एक बिमारी है जो इंसान के रिश्तें, उसके काम , और परिवार को खत्म कर सकता है… इसी लिए जनता को नशे के खिलाफ जागरुक करने के लिए हर साल 26 जून को अंतर्राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस मनाया जाता है…
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नशा निरोधक दिवस की शुरूआत 1989 में हुई थी…और हर साल इस दिन लोगों को दिशा दिखाने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते है…आज ही के दिन कई शहरों में इस विषय पर कार्यक्रम आयोजित किए गए है…लेकिन अब हम जानेंगे कि मध्यप्रदेश में नशीले पदार्शो के सेवन की क्या स्तिथी है… मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल समेत 15 जिलों में सर्वाधिक नशा होता है..और अब इंदौर शहर का नाम इस सूची में आगे बढ़ता जा रहा है…इंदौर के युवा तेजी से नशे की गिरफ्त में फंसते जा रहे हैं… सिर्फ तीन साल में ही ड्रग्स एडिक्ट युवाओं की संख्या में 27 फीसदी की वृद्धि हुई है.. चिंता की बात यह है कि… इसमें 20 से 35 साल की युवतियों की संख्या अधिक है.. इन तीन सालों में शहर में सिंथेटिक ड्रग्स जैसे मैथ, एमडी, कोकीन की सप्लाई 17 प्रतिशत तक बढ़ गई है…. शराब के बाद सबसे ज्यादा नशा LSD का हो रहा है… छोटे-छोटे इन स्टीकर्स को युवा पॉकेट, पर्स या मोबाइल के कवर में रखकर नशे के अड्डों तक ले जा रहे हैं…और नशा कर रहे है…

ईवा वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन की एक रिपाेर्ट में संस्था ने 2019 से 2022 तक शहर के डाटा का विश्लेषण करने के साथ ही चौंकाने वाले खुलासे किए हैं… ऑपरेशन और कई क्षेत्रों में ऑनलाइन सर्वे कर इस रिपोर्ट को तैयार किया है…जिसमें पता चला है कि अभी तक पुलिस ने 250 से ज्यादा पैडलर्स को चिनहित किया है… जिसमें 25 को गिरफ्तार कर जेल भेजा है और पहले 70 को जेल भेजा जा चुका है हैं…जहां नशा करने वालों के खिलाफ शिवराज सरकार कार्रवाई कर रही है..वही इंदौर में नशा करने वालो की संख्या बढ़ती जा रही है… हालाँकि मादक द्रव्यों की बिक्री राज्य सरकार के राजस्व का बड़ा हिस्सा होता है लेकिन दूसरी ओर नशे की लत से लोगो को बचाना भी सरकार की बड़ी जिम्मेदारी हैं..अब इन दोनों में सरकार संतुलन कैसे बनाती है ये देखने की बात होगी …
REPORT BY
DIVYA MADHWANI