स्पॉट लाइट : विकास का बहाना माफिया पर निशाना ! 

अतीक की क्राइम हिस्ट्री बहुत लंबी है…उस पर पहला केस 1979 में दर्ज हुआ था….लेकिन सजा देने में चार दशक लग गये…क्योंकि उसका खौफ इतना था कि कोइ उसके खिलाफ गवाही भी नहीं देता था…अब 44 साल बाद उसे पहली बार सजा हुई है…पहली बार उस व्यक्ति के चेहरे पर खौफ देखा गया…जिससे सभी खौफ खाते थे…पहली ही सजा में उसे उम्रकैद मिली है…उस पर 101 मुकदमे दर्ज हैं…इनमें से करीब 50 केस कोर्ट में चल रहे हैं…

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पहली सजा में इतना समय इसलिए लगा….क्योंकि अतीक और उसके गैंग के खिलाफ दर्ज मुकदमों में ज्यादातर बार गवाह पलटते रहे…उसके खिलाफ दर्ज 14 मुकदमों में अब तक गवाह मुकर चुके हैं…4 मुकदमे तो राज्य सरकार ही वापस ले चुकी है…उसके खिलाफ दर्ज 12 मुकदमों में ट्रायल तक नहीं हो पा रहा था…गवाहों की हत्या भी की गयी थी…अब अतीक के आतंक से मुक्ति मिल चुकी है…तो सवाल यही है कि बाकी मुकदमों में उसे सज़ा कब होगी…आज स्पॉटलाइट में इसी पर चर्चा करेंगे…पहले सुनते हैं कुछ राजनीतिक बयान..

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