धार्मिक बयानबाजी से सपा ने किया किनारा

समाजवादी पार्टी मिशन 2024 के लिए तैयारी में लग गई है। उधर, दमदार वापसी के बाद शिवपाल सिंह यादव भी एक्टिव मोड में आ गए। शिवपाल ने विधायकों की बैठक ली। शिवपाल ने सपा विधायकों को प्लानिंग को लेकर टिप्स दिए।

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उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी विधानसभा में रामचरितमानस का मुद्दा अपनी ओर से नहीं उठाएगी। सभी विधायकों को हिदायत दी गई है कि वह धार्मिक मुद्दे उठाने से परहेज करें और जनता से जुड़े मुद्दों पर सरकार को घेरें। बैठक में तय हुआ कि कोई विधायक या पार्टी नेता किसी भी जाति, धर्म और समाज के खिलाफ कोई भी बयान नहीं देगा। ऐसे में सवाल उठने लगा है कि राम चरित मानस विवाद को तूल देने वाले स्वामी प्रसाद क्या बैकफुट आएंगे? शिवपाल को भरोसा है कि लोकसभा चुनाव में सपा जीतेगी। इसके लिए कड़ी मेहनत करनी है। भाजपा सरकार हर मुद्दे पर विफल है। उनके राज में कही पर भी जनता की सुनवाई नहीं हो रही है। हम लोग इन्हीं मुद्दों को उठाते हुए सरकार को घेरेंगे। हम लोग इस तरह लोकसभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतेंगे।

स्वामी प्रसाद मौर्य की मुश्किलें फिलहाल कम होती दिखाई नहीं दे रही हैं, राजनीतिक दलों और साधु संत की नाराजगी के बीच अब उनकी अपनी पार्टी टिप्पणी से दूरी बना रही है। इसी कड़ी में शिवपाल यादव ने भी स्वामी से किनारा करते हुए उनकी टिप्पणी को उनका व्यक्तिगत बयान करार दे दिया है। शिवपाल यादव ने कहा कि रामचरित मानस को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि वह उनका व्यक्तिगत विचार है, पार्टी का उससे कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि हम लोग राम-कृष्ण के आदर्शों पर चलने वाले लोग हैं। इससे पहले सपा नेता रविदास मेहरोत्रा ने भी स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी को उनका निजी बयान बताया था।

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