उज्जैन में स्थित महाकलेवश्वर मंदिर देश और दुनिया के लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। महाकाल लोक में रविवार को आए आंधी के चलते कई मूर्तियों के टूटने के बाद अब शिवराज सरकार के ऊपर भ्रष्टाचार करने के आरोपों से घिर गई है।
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करोड़ों की लागत से बने महाकाल लोक का उद्घाटन स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अक्टूबर 2022 को भव्य कार्यक्रम में किया था। तब भी महाकाल लोक के निर्माण साथ साथ कांग्रेस ने इसके भ्रष्टाचार का मुद्दा भी उठाया था। लाल पत्थर और रेनफोर्स प्लास्टिक से बनी मूर्तियों की गुणवत्ता के साथ धार्मिक महत्वा को लेकर भी सवाल उठाए गए थे। सवाल उठाए गए थे कि प्लास्टिक की प्रतिमाएं हिंदू धर्म स्थानों पर नहीं लगती। महाकाल लोक में धातु की प्रतिमा या पाषाण की मूर्तियां ही लगाई जाना चाहिए थी। इसके बाद भी महाकाल लोक में रेनफोर्स प्लास्टिक से बनी मूर्तियों को लगाया गया और अब मात्र 30 किलोमीटर की रफ्तार से चली आंधी ने सरकार के दावे और भ्रष्टाचार की पोल खोल कर रख दी।

महाकाल लोक में मूर्तियों के खंडित होने के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सरकार को जमकर घेरा है। दिग्विजय सिंह ने ट्विट कर सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि ऐसी कोई ऐसी योजना नहीं है, जिसमें भाजपा ने भ्रष्टाचार ना किया हो। उज्जैन के महाकुंभ में घटिया निर्माण किया और अब 750 करोड़ रुपये से बना महाकाल लोक कॉरिडोर जिसका उद्घाटन पीएम PM मोदी ने किया उसकी मूर्तियां तेज हवा में ही गिर गईं।

दिग्विजय सिंह ने आगे लिखा कि कांग्रेस विधायक महेश परमार ने लोकायुक्त को जांच करने के लिए अनुरोध किया था सही निकला भगवान शिवजी की मूर्ति तेज हवा में ही खंडित हो गईं! निर्माण किसने किया था? गुजरात की कंपनी ने. मोदी जी यह आपके लिये शुभ संदेश नहीं है. अब इससे बड़ा प्रमाण क्या हो सकता है? क्या मोदी जी CM शिवराज सिंह चौहान से स्पष्टीकरण लेंगे?

नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि प्राकृतिक आपदा में उज्जैन स्थित महाकाल लोक में हुए नुकसान की भरपाई संबंधित एजेंसी द्वारा की जाएगी। महाकाल लोक गारंटी पीरियड है औऱ जो नुकसान हुआ है, उसको संबंधित ठेकेदार पूरा करके देगा। लेकिन सवाल ये है कि आखिर थोड़े से ही आंधी पानी मैं कैसे करोड़ो की लागत से बनी सप्तऋषियों की मूर्ति टूट गयी और क्या वास्तव में बाबा महाकालेश्वर के दरबार भ्रष्टाचार हुवा है और अगर हुवा तो इसके जिम्मेदार कौन लोग हैं