शिरोमणी अकाली दल ने बाढ़ से तबाह हुए किसानों के लिए न्याय सुनिश्चित करने की मांग को लेकर पटियाला, मानसा और शाहकोट में धरना देने का फैसला किया है। आम आदमी पार्टी सरकार ने मुआवजा देने से इंकार कर दिया और इसके अलावा भ्रष्ट आप सरकार को लोगों से किए गए वादों को पूरा करने के लिए मजबूर करने के लिए 30 सितम्बर से पंजाब बचाओ आंदोलन शुरू करने का निर्णय लिया है।

सुखबीर सिंह बादल की अध्यक्षता में हुई कोर कमेटी की मीटिंग में स्थिति का आंकलन करने और जातीय हिंसा के पीड़ितों के लिए सांत्वना की मांग करने के लिए मणिपुर और नूंह में एक प्रतिनिधिमंडल भेजने का फैसला किया है। इस मीटिंग में हरियाणा के नूंह में साम्प्रदायिक हिंसा और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सरकार की विफलता की निंदा की गई है। पीड़ितों के हितों की रक्षा करने में अल्पसंख्यक आयोग की नाकामी और संघर्ष क्षेत्रों में जाने में असमर्थता के खिलाफ एक प्रस्ताव भी पारित किया गया है।

वहीं, कोर कमेटी ने कैबिनेट मंत्री लालचंद कटारूचक और कुलदीप सिंह धालीवाल को एक बी.डी.पी.ओ. को पदोन्नत करने और स्थानंतरित करने के लिए एक-दूसरे के साथ मिलीभगत कर 100 एकड़ पंचायती जमीन को रेत माफिया को हस्तांतरित करने के लिए पठानकोट के अतिरिक्त डिप्टी कमिशनर का प्रभार देने के लिए तत्काल बर्खास्त करने की मांग की है। उन्होंने यह भी मांग की कि इन मंत्रियों को कल स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने की अनुमति नहीं दी जानी चािहए। सुखबीर बादल ने कहा कि जिनके घर पिछले महीने बाढ़ से क्षतिग्रस्त हो गए और यहां तक कि तबाह ही हो गए हैं। अभी तक किसी को कोई मुआवजा नहीं दिया गया है, जिसके कारण किसानों की स्थिति बेहद खराब हो गई है। जिन लोगों के घर बाढ़ के कारण तबाह हो गए हैं, उन्हें 5 लाख का मुआवजा दिया जाना चाहिए। जिनके घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं उन्हें 20 लाख का मुआवजा दिया जाना चाहिए। कमेटी ने पांच सदस्य कमेटी में ताजा स्थिति का आंकलन करने के साथ-साथ राहत की मांग करने के लिए बलविंदर सिंह भूंदड़, प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा, डॉ. दलजीत सिंह चीमा, परमजीत सिंह सरना और सुखविंदर सुक्खी समेत एक प्रतिनिधिमंडल को मणिपुर और नूंह भेजना का भी निर्णय लिया है।

30 सितम्बर से राज्य के सभी हलकों में 45 दिवसीय पंजाब बचाओ आंदोलन जन केंद्रित होगा और इस बात पर ध्यान केंद्रित करेगा कि लोग कैसे पीड़ित हैं। कोर कमेटी ने यह भी फैसला किया कि पंचायती वादों को छोड़कर अकाली दल पंचायत कमेटी, जिला परिषद, निगम और कमेटी चुनावों सहित अन्य सभी चुनाव बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ पार्टी के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ेगी। पंचायतों को भंग करने के साथ साथ स्थानीय निकायों के चुनाव में देरी के सरकार के फैसले की भी निंदा की गई। साथ ही यू.के. के सांसद तनमनजीत सिंह ढेसी के साथ हुए उत्पीडऩ और खालसा एड पर हुई छापेमारी की भी कड़ी आलोचना की गई। अकाली दल की कोर कमेटी ने निर्मल कौर (एस.जी.पी.सी. के पूर्व अध्यक्ष कृपाल सिंह बडूंगर की पत्नी) और गुरप्रताप सिंह पन्नू (जालंधर स्त्री अकाली दल की अध्यक्ष बीबी परमिंदर कौर पन्नू के पति) को भी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।