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नेता संजय राउत ने प्याज की कीमतों को लेकर महाराष्ट्र सरकार की आड़े हाथों लिया । शिवसेना सांसद ने कहा कि, ‘इस सरकार को सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है।’ संजय राउत ने कहा, ‘किसान रोटी के साथ प्याज खाते हैं जिसे हम ‘भाकरी’ कहते हैं। महाराष्ट्र के किसान प्याज नहीं खरीद पा रहे हैं। लोग प्याज नहीं खा सकते इसलिए इस सरकार को सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है। यह महाराष्ट्र की संस्कृति नहीं है।’हाल ही में मोदी सरकार ने रसोई के मुख्य उत्पाद पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया। इसके विरोध में राज्य के प्याज किसानों ने सोमवार को महाराष्ट्र के नासिक जिले में विरोध प्रदर्शन किया। वित्त मंत्रालय द्धारा 19 अगस्त को जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि उन्होंने 31 दिसंबर 2023 तक प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया है। मंत्रालय ने कहा, ‘सरकार 31 दिसंबर तक प्याज निर्यात पर 40 फीसदी शुल्क लगाएगी। निर्यात शुल्क उन रिपोर्टों के बीच आया है कि सितंबर में प्याज की कीमतें बढ़ने की संभावना है। केंद्र सरकार ने पहले फैसला किया कि वह 2023-24 सीजन में स्टॉक के रूप में 3 लाख टन प्याज रखेगी। 2022-23 में सरकार ने 2.51 लाख टन प्याज स्टॉक के तौर पर रखा है। अगर कम आपूर्ति वाले मौसम के दौरान दरें काफी बढ़ जाती हैं, तो किसी भी आपात स्थिति को पूरा करने और मूल्य स्थिरीकरण के लिए बफर स्टॉक बनाए रखा जाता है। इसी बीच केंद्र सरकार महाराष्ट्र से 2410 रुपये प्रति क्विंटल की कीमत पर 2 लाख टन से अतिरिक्त प्याज खरीदने का भी फैसला किया है।अतिरिक्त प्याज स्टॉक की खरीद आज से शुरू हुई और इसकी घोषणा मंगलवार को दिल्ली में महाराष्ट्र के कृषि मंत्री धनंजय मुंडे और केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की बैठक में की गई।