छत्तीसगढ़ में होली का त्योहार धूमधाम से मनाने की तैयारी शुरु हो गई है…रायपुर के उजाला ग्राम संगठन समूह की सैकड़ो महिलाएं हर्बल गुलाल बना रही हैं..गुलाब, गेंदा, परसा के फूलों और पत्तों से गुलाल बनाया जा रहा है.
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हर्बल होली से समूह की महिलाओं को काफी फायदा हो रहा है…रोजगार के नए अवसर मिल रहे हैं. छत्तीसगढ़ के रायपुर में इस होली हर्बल गुलाल के रंग बिखरेंगे। एक सामाजिक संस्था मब्स की महिलाएं पौष्टिक सब्जियों से गुलाल बनाने का काम कर रही हैं। पालक भाजी और पलाश के फूलों से बनाए जा रहे जैविक रंग त्वचा के लिए भी लाभदायक सिद्ध होंगे। समूह का दावा है कि, इस हर्बल गुलाल से किसी तरह का कोई संक्रमण नहीं होगा।

दरअसल, जिले के उदयपुर विकासखंड के ग्राम परसा में स्थित महिला उद्यमी बहुउद्देशीय सहकारी समिति (मब्स) की महिलाओं ने हर्बल रंग बनाने का बीड़ा उठाया है। महिलाओं का कहना है कि, केमिकल युक्त रंगों से आंखों की एलर्जी, अंधापन, त्वचा में जलन, त्वचा के कैंसर और यहां तक कि गुर्दे फेल होने का कारण बन सकते हैं। वहीं युवाओं में केमिकल युक्त मेटल कलर पेस्ट बहुत लोकप्रिय होता है, जिसके हानिकारक प्रभावों को देखते इसके प्रयोग में कमी लाने का प्रयास किया जा रहा है।