कांवड़ मार्ग पर भोजनालयों में QR कोड अनिवार्य, Supreme Court ने यूपी सरकार से मांगा जवाब

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QR code is mandatory in restaurants on Kanwar route.

उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के दौरान सुरक्षा को लेकर सरकार द्वारा उठाए गए एक नए कदम पर विवाद खड़ा हो गया है। राज्य सरकार ने आदेश दिया है कि कांवड़ यात्रा मार्ग पर आने वाले सभी भोजनालयों व दुकानों को अपने प्रतिष्ठान पर QR कोड लगाना अनिवार्य होगा। इस कोड में दुकान के मालिक की पहचान, दस्तावेज और अन्य विवरण शामिल रहेंगे। अब इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है और कोर्ट ने इस पर गंभीरता दिखाते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है।

  • क्या है पूरा मामला?

हर साल की तरह इस वर्ष भी सावन माह में उत्तर भारत में कांवड़ यात्रा आरंभ हो चुकी है। लाखों की संख्या में शिवभक्त गंगाजल लेने हरिद्वार, गंगोत्री व अन्य तीर्थ स्थानों की यात्रा पर निकलते हैं और रास्ते में भोजन, विश्राम व राहत के लिए विभिन्न दुकानों और धर्मशालाओं का उपयोग करते हैं।

इस वर्ष यूपी सरकार ने यात्रा मार्ग की सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता करने के लिए भोजनालयों व दुकानों पर QR कोड लगाने का आदेश जारी किया है। इस कोड में मालिक का नाम, आधार कार्ड नंबर, मोबाइल नंबर आदि जानकारियाँ स्कैन करके देखी जा सकती हैं। सरकार का मानना है कि इससे असामाजिक तत्वों पर नज़र रखने और सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।

A petition has been filed in the Supreme Court against this order of the government. The petitioner says that this order not only violates privacy, but it is also religiously discriminatory because it has been implemented only on the Kanwar Yatra route.
  • कोर्ट में क्यों गया मामला?

सरकार के इस आदेश के खिलाफ एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है। याचिकाकर्ता का कहना है कि यह आदेश न केवल निजता का उल्लंघन करता है, बल्कि यह धार्मिक रूप से भेदभावपूर्ण भी है क्योंकि इसे केवल कांवड़ यात्रा मार्ग पर ही लागू किया गया है। याचिकाकर्ताओं ने यह भी तर्क दिया है कि इससे सामान्य व्यापारी वर्ग को परेशान किया जा रहा है, जबकि सुरक्षा के नाम पर पूरे प्रदेश में एकसमान नियम लागू होने चाहिए, न कि केवल एक खास धार्मिक यात्रा के दौरान।

  • सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को इस आदेश पर स्पष्टीकरण देने के लिए नोटिस जारी किया। कोर्ट ने पूछा है कि:

  1. इस आदेश की आवश्यकता क्या है?
  2. इसका कानूनी आधार क्या है?
  3. क्या यह आदेश संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) और अनुच्छेद 21 (निजता का अधिकार) का उल्लंघन करता है?
  • सरकार का पक्ष

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से यह कहा गया है कि QR कोड का यह आदेश किसी विशेष समुदाय या समूह के खिलाफ नहीं है, बल्कि इसका मकसद कांवड़ यात्रियों की सुरक्षा को बढ़ाना और संदिग्ध गतिविधियों पर नज़र रखना है। देखा जाए तो यह मामला अब व्यापारियों के अधिकार बनाम सुरक्षा व्यवस्था का विषय बन चुका है। आने वाले दिनों में सुप्रीम कोर्ट इस पर कोई ठोस दिशा निर्देश दे सकता है। अगर कोर्ट इसे असंवैधानिक मानता है, तो यह आदेश निरस्त हो सकता है। लेकिन अगर कोर्ट सुरक्षा को प्राथमिकता देता है, तो इस मॉडल को अन्य राज्यों में भी लागू किया जा सकता है।

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