प्रयागराज के थाना कैंट के अंतर्गत आने वाले नेवादा की एक महिला ने कैटोमेंट जनरल अस्पताल में एक महिला को प्रसव के लिए भर्ती कराया गया जब महिला के पति के इलाज के नाम पर 6 हजार रुपए मांगे गए तो महिला के पति ने कहा की इलाज के लिए मेरे पास पैसे नहीं है मैं पैसे देने की हैसियत में नही हु
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अगर आप लोग जिद पर ही अड़े हैं पैसे के लिए तो मैं जा रहा हु अपने मोहल्ले में पैसा ले लूंगा उसके बदले में मैं अपने बच्चे को दे दुगा बस इतनी सी बात सुनते ही बच्चा बिकने की खबर फैल गई और बच्चा बिकने के लिए आशा बहुएं भी सक्रिय हो गई और देखते ही देखते शिशु को खरीदने के लिए लोगो की भीड़ जुटने लगी शुरू में बच्चे को खरीदने के रेट एक लाख दस हजार रुपए लगा और अन्त में डेढ़ लाख तक कीमत लगी. पीड़ित महिला ने आरोप लगाया की यहां हम पहले भी आ चुके है इलाज के लिए कभी भी पैसा नही लगा लेकिन इस बार अस्पताल में नर्स के द्वारा प्रसव के लिए पैसे की माग की गई . नर्स बोली की पैसे की व्यवस्था जल्दी करो .पीड़ित महिला और उसके पति ने बताया की जब इतना मामला बढ़ गया तब डाक्टर ने कहा की तुम
रहने दो मत दो पैसा पूरा कर अस्पताल स्टाफ मिलकर बच्चे के परवरिस के लिए दो हजार प्रति माह दिया जाएगा .

अस्पताल की डाक्टर वैशालनी ने बताया की महिला का एक बच्चा विकलाग है महिला के तीन और बच्चे है गरीबी के कारण महिला अपने बच्चे को बेच रही थी ।गरीब होने के कारण बच्चो का परवरिस सही तरीके से ना होने से बच्चा बेचने की बात कह रही थी . पूरा अस्पताल स्टाफ के समझाने और महिला की दो हजार रुपए प्रति माह देने की बात कहा गया तब महिला बच्चा ना बेचने की बात कहने लगी