प्रधानमंत्री के आवास जैसी योजना पर प्रधान और अधिकारी मिलकर कर रहें है भ्रष्टाचार….. देखिए ये रिपोर्ट

सरकार के द्वारा भले ही गरीबों के हितों को ध्यान में रखते हुए कई जनकल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया गया है। प्रधानमंत्री आवास जैसी योजना का संचालन किया गया,

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लेकिन यह योजना गरीबों को न मिलकर के अपात्रों को योजनाओं का लाभ मिल रहा है। आरोप है कि ग्राम पंचायत सिकंनदरपुर के प्रधान वीरपाल सिंह व पंचायत सीक्रेटरी गनेश ने दस हजार सुविधा शुल्क लेने के बाद ही पीएम आवास योजना का लाभ दिला रहे हैं, आवास लिस्ट में नाम शामिल होने के बाद जो गरीब सुविधा शुल्क नहीं दे पा रहे हैं, उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीण लोगों ने बताया कि कागजों में आवास मिला पर बन न सका


हरगांव विकास खंड के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत सिकंन्दरपुर में रहने वाले उदयराज पात्र को प्रधानमंत्री आवास तो मिला पर वह आवास आज तक बन नहीं सका। लोग मुसहर आज भी टूटी-फूटी झोपड़ी में रह रहे हैं। प्रधानमंत्री आवास न पाने वाले ने बताया कि उन्हें प्रधानमंत्री आवास नही मिला है। उन्होंने आरोप लगाया कि ग्राम प्रधान व पंचायत सीक्रेटरी गनेश प्रसाद की मिली भगत है और आज तक उनका आवास नहीं बन सका। गांव के ही रहने वाले उदयराज ने बताया गया कि पूर्व प्रधान ने भी उन्हें आवास नही दिया गया जिसके कारण वह आज भी घास फूस की झोपड़ी में रह रहे हैं।

उदयराज ने इसकी शिकायत सीतापुर डीएम अनुज सिंह से की मगर आज तक उसकी सुनवाई नहीं हुई।जब जिले के जिम्मेदार अधिकारी मौन व्रत है।तो गरीबों की कौन सुनेगा। सीतापुर जिले के प्रत्येक ग्राम पंचायतों में इस समय प्रधान मंत्री आवास योजना में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है पात्रों को नहीं अपात्रों से मोटी रकम लेकर आवास दिए जा रहे हैं।जिसमें जिले से लेकर ब्लाक के जिम्मेदार अधिकारी शामिल हैं।

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