रायपुर शहर की शान और शौकत को बढ़ाने के लिए बीजेपी की रमन सरकार ने शहर में शास्त्री चौक से लगी मुख्य सड़कों पर स्काईवॉक बनाने का काम शुरू किया था.लगभग 78 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे स्काईवॉक के निर्माण पर 40 करोड़ रुपए खर्च भी किए थे.लेकिन 2018 में आई कांग्रेस सरकार ने स्काईवॉक के निर्माण पर रोक लगा दी.
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बाद में अधूरे स्काईवॉक को लेकर जब सवाल उठे तो इसकी उपयोगिता के लिए दो समितियों का गठन किया गया….एक समिति के अध्यक्ष कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा को बनाया…दूसरी समिति स्काईवॉक के तकनीकी पहलुओं को देख रही है… अब दोनों समितियों ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि जनता के पैसे से बन रहे स्काईवॉक को अब तोड़ना ठीक नहीं होगा. इसे पूरा करना ही बेहतर है. इन दोनों समितियों की रिपोर्ट के बाद अब सियासत शुरू हो गई है. बीजेपी का आरोप है कि इसमें नए सिरे से टेंडर जारी होंगे और लागत पहले से काफी बढ़ जाएगी.
क्या रायपुर जैसे शहर में स्काईवॉक उपयोगी है… और सरकार पिछले 5 साल से इस बारे में फैसला क्यों नहीं कर सकी… यह जानने की कोशिश करेंगे…. लेकिन पहले सुनते हैं इस बारे में क्या कह रहे हैं कांग्रेस विधायक सत्यनारायण शर्मा और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर