पटना में एक तरफ जहा सारा विपक्ष इस लिए जुटा था कि लोकसभा चुनाव से पहले मोदी और बीजेपी के खिलाफ एकता का संदेश देंगे लेकिन मीटिंग जो हुआ उससे महागठ बंधन टूटने के आसार दिखने लगे है ।
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दरसअल सूत्रों ने बताया है कि अरविंद केजरीवाल ने अध्यादेश पर कांग्रेस से समर्थन माँगा था। लेकिन ये अब प्लान फेल हो गया।जो विपक्ष नीतीश कुमार के अगुवाई में नरेंद्र मोदी के विरुद्ध लड़ने के प्लान बना रहा है, उसी महागठबंधन में गृहयुद्ध जैसी नौबत आगयी है। सूत्रों के हवाले से पता चला है कि राहुल गांधी को मनाने के लिए अरविंद केजरीवाल ने सारी कोशिश कर ली। अरविंद केजरीवाल ने राहुल से यहां तक कह दिया कि एक बार मिलिए। चाय तो पिला दीजिए।

अरविंद केजरीवल के इस ऑफर पर राहुल गांधी ने कहा, मुझसे मिलने की इतनी बेताबी क्यों है… इंतजार कीजिए, बताएंगे। इसके बाद केजरीवाल ने राहुल के सामने हाथ जोड़कर कहा कि एक बार साथ बैठते हैं, सारी शिकायत दूर हो जाएगी। लेकिन राहुल बोले कि मुझसे मिलने की ऐसी बेसब्री का मतलब है आप कुछ मिसचीफ यानि शरारत सोच रहे हैं। ये सब बाहर आने के बाद साफ है कि कांग्रेस और केजरीवाल के बीच दाल गल नहीं पा रही है। दल ही नहीं मिले… दिल मिलने की बात तो बहुत दूर है। मीटिंग में क्या बात हुई, ये जानिए…

कल 12 बजे मीटिंग शुरू हुई, बोलने वालों में दूसरा नम्बर अरविंद केजरीवाल का था, ऑर्डिनेंस पर बात रखी गई, दिल्ली की सीएम ने राहुल गांधी से सीधा कहा कि एक कप चाय तो पिला दीजिए, जब बैठेंगे तो आपके मन में जो बात है वो सामने आ जायेगी, आप अध्यादेश पर खुलकर साथ आने की बात कह दीजिये लेकिन मल्लिकार्जुन खड़गे आप के प्रवक्ता का एक बयान लेकर आ गए, दोनों तरफ से आरोप लगे और बात नहीं बनी।

इस लिए माना जा रहा कि केजरीवाल कही विपक्ष के प्लान में छेद न कर दे और विपक्ष का सपना एक बार फिर सरकार बनाने की धरी की धरी रह जाये। केजरीवाल को मानाने की विपक्ष पूरी कोशिश कर रही है लेकिन ये माना जा रहा है की जबतक राहूल केजरीवाल को मनायेंगे नहीं तब तक बात बनेगी नहीं। अब देखने वाली बात ये होगी कि क्या विपक्ष का महागठबंधन चलेगा या फिर बहुत जल्द ही टूट जायेगी