डॉक्टर कहते हैं दूध संपूर्ण आहार है.सरकार कहती है सब को पौष्टिक आहार देना हमारा कर्तव्य है.लेकिन दूध और उसके उत्पादों की महंगाई कुछ और ही कह रही है. कैल्शियम, विटामिन, मिनरल्स, वसा, कार्बोहाइड्रेट्स का सबसे धनी स्रोत दूध अब महंगा हो चुका है.
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पिछले 1 साल के दौरान दूध के दाम 11 रुपए प्रति लीटर बढ़े हैं.दही, घी, पनीर सब महंगा हो चुका है.कभी भारत के बारे में कहा जाता था कि भारत में दूध – दही की नदियां बहती हैं.आज दूध और दही नदारद है. आम आदमी की पहुंच से बाहर है. गरीबों के लिए दूध एक लग्जरी है तो मध्यमवर्गीय के लिए यह महंगा है.महंगे होने के कारण बच्चों को दूध नहीं मिल पा रहा है…जिससे कुपोषण का खतरा है… बाजार में दूध की सप्लाई कम है और जरूरत लगातार बढ़ रही है…
हर दिन जनसंख्या बढ़ने से दूध के नए उपभोक्ता पैदा हो जाते हैं… लेकिन आपूर्ति उस अनुपात में नहीं बढ़ती… लिहाजा दाम बढ़ते जाते हैं… उधर कच्चा माल भी महंगा हो गया है… दूध की कीमतों में हो रही बढ़ोतरी कब थमेगी… और दूध के बढ़ते दाम से जनता कितनी बेहाल है… यह जानने की कोशिश करेंगे लेकिन पहले देखते हैं