इंटरनेट पर एक गलती की वजह से आपका बैंक अकाउंट खाली हो सकता है। जी हां सही सुना आपने ऐसा ही कुछ दिल्ली में एक वकील के साथ हुआ। उन्होंने इंटरनेट के जरिए एक हॉस्पिटल का नंबर खोजा था। लेकिन एक गलती की वजह से स्कैमर्स उनके अकाउंट से 99 हजार उड़ा ले गए।
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अगर आप भी इंटरनेट यूजर है तो आपको भी इन बातो का ध्यान देना चाहिए। इंटरनेट कहे या वेब कहे ये किसी जाल से कम नहीं ,इंटरनेट स्कैमर्स के बिछाये गए ट्रैप्स का एक जाल है ,जहा आपके द्वारा की गयी एक छोटी सी गलती आपको कंगाल बना सकती है। दरसल डिजिटल होती जा रही इस दुनिया में लोग तमाम सवालों के जबाब ढूढ़ते है। चाहे वो डॉक्टर का नंबर हो या किसी बैंक के कस्टमर केयर का नंबर। इंटरनेट पर लोगो की ये तालश कई बार उन्हें अपने जाल में फसा देती है। ऐसा ही कुछ दिल्ली के एक सरकारी वकील के साथ हुआ। तीस हजारी कोर्ट के एडिशनल प्रॉसिक्यूटर केपी सिंह डॉक्टर के यहां अपॉइंटमेंट के लिए इंटरनेट पर हॉस्पिटल का नंबर तलाश रहे थे ,उन्हें जो नंबर मिला वो हॉस्पिटल का नंबर न होकर एक स्कैमर्स का नंबर निकला।

स्कैमर्स ने उन्हें अपने जाल में फसाया और 99,909 रुपये उड़ा ले गया। दरसल स्कैमर्स पॉपुलर हॉस्पिटल और दूसरी सर्विसेस के लिए फेक वेबसाइट क्रिएट करते है। जैसे ही कोई यूजर्स इन कीवर्ड से जुड़े शब्द सर्च करता है ,तो उन्हें सर्च रिजल्ट में ये फेक वेबसाइट भी दिखाई देती है। इसके बाद यूजर्स दिए हुए नंबर पर कॉल करते है ,और शुरू होता है स्कैमर्स का असली खेल।इस तरह के ऐप्लिकेशन के जरिए स्कैमर्स को आपके फोन का एक्सेस मिल जाता है। इसके बाद किसी भी मिनिमम अकाउंट का एक छोटा ट्रांजेक्शन कराया जाता है।

जिससे उन्हें आपके बैंकिंग क्रेडेंशियल्स मिल जाएं। इन डिटेल्स को यूज करके स्कैमर्स आपके बैंक अकाउंट से पैसे निकाल लेते हैं। तीस हजारी के वकील वाले मामले में स्कैमर्स ने एक रिमोट एक्सेस मोबाइल ऐप्लिकेशन डाउनलोड करवाया। इस तरह के ऐप्लिकेशन के जरिए स्कैमर्स को आपके फोन का एक्सेस मिल जाता है। इंटरनेट पर बचाव का एक मात्र तरीका आपकी सतर्कता है। आप जितना ज्यादा सतर्क रहेंगे उतना ज्यादा सुरक्षित रहेंगे।
report by : ayush singh