‘ODOP अवॉर्ड्स’: एक जिला, एक उत्पाद योजना को मिला नया मुकाम

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‘ODOP Awards’: One District, One Product Scheme gets a new platform

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रारंभ की गई ‘एक जिला, एक उत्पाद’ (ODOP) योजना ने राज्य के कारीगरों, शिल्पियों और उद्यमियों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाया है। इसी योजना के अंतर्गत ‘ODOP अवॉर्ड्स’ का आयोजन एक प्रेरणास्पद पहल है, जिसका उद्देश्य स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने वाले प्रतिभावान उद्यमियों को सम्मानित करना है। यह अवॉर्ड्स समारोह उत्तर प्रदेश के विकास, आत्मनिर्भरता और स्वरोजगार की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बन गया है।

  • ODOP योजना: नवाचार और आत्मनिर्भरता की पहचान

वर्ष 2018 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा आरंभ की गई ‘एक जिला, एक उत्पाद’ योजना का मुख्य उद्देश्य था कि हर जिले की पारंपरिक और विशिष्ट उत्पादक क्षमता को बढ़ावा दिया जाए। उदाहरणस्वरूप, वाराणसी की बनारसी साड़ी, भदोही का कालीन, कन्नौज का इत्र, मुरादाबाद का पीतल उद्योग, सहारनपुर की लकड़ी की नक्काशी आदि ODOP सूची में प्रमुखता से शामिल हैं।

ODOP Awards are given to individuals, institutions and enterprises who have been successful in bringing the traditional products of their district to the global market with modernity, marketing and innovation.
  • ODOP अवॉर्ड्स का उद्देश्य

ODOP अवॉर्ड्स उन व्यक्तियों, संस्थाओं और उद्यमों को दिए जाते हैं जो अपने जिले के पारंपरिक उत्पादों को आधुनिकता, विपणन और नवाचार के साथ वैश्विक बाज़ार में लाने में सफल रहे हैं। इसका मुख्य उद्देश्य है:

  1. पारंपरिक उद्योगों को पहचान दिलाना
  2. स्थानीय कारीगरों को प्रोत्साहन देना
  3. रोजगार सृजन को बढ़ावा देना
  4. महिला उद्यमिता को सशक्त करना
  5. ‘मेक इन इंडिया’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को समर्थन देना
  • ODOP से महिलाओं और युवाओं को नया संबल

ODOP योजना और इन पुरस्कारों ने ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं और युवाओं के लिए स्वरोजगार के नए द्वार खोले हैं। महिलाओं द्वारा संचालित स्वयं सहायता समूहों ने कई जिलों में हस्तनिर्मित वस्तुएं बनाकर विपणन में सफलता प्राप्त की है। ODOP अवॉर्ड्स ने उन्हें देश भर में पहचान दिलाई है।

ODOP अवॉर्ड्स केवल सम्मान का जरिया नहीं, बल्कि उन हजारों कारीगरों और उद्यमियों की मेहनत का प्रतीक हैं, जिन्होंने अपनी कला को जीवित रखा है। यह आयोजन उत्तर प्रदेश सरकार के उस विजन को दर्शाता है, जिसमें हर जिले की पहचान, हर कारीगर की मेहनत और हर उत्पाद की गुणवत्ता को वैश्विक मंच पर लाने का संकल्प है। यह न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूती देता है, बल्कि देश को आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भी अग्रसर करता है।

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