माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में हुई हत्या के बाद लगातार मुसलमान समाजवादी पार्टी से यूपी में दूरी बना रहे है । ये देखा जा रहा है कि समाजवादी पार्टी के कई मुस्लिम बड़े नेता धीरे धीरे पार्टी छोड़कर कांग्रेस या फिर बसपा को जॉइन कर रहे है।
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मुस्लिम वोटों के छिटकाव से समाजवादी पार्टी को नगर निकाय चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना पड़ा है। लेकिन अब लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी समाजवादी पार्टी को एक और करारा और बड़ा झटका लगा है। दरसअल प्रयागराज में बड़ी संख्या में सपा के मुस्लिम नेताओं ने साइकिल की सवारी छोड़कर पंजे का दामन थाम लिया है।सपा को छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले नेताओं ने समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव पर मुसलमानों की उपेक्षा का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि सपा मुखिया अखिलेश यादव कभी भी उनसे जुड़े मुद्दों पर मुखर होकर आवाज नहीं उठाते हैं। इस लिए आज मुस्लिम समाज सपा मुखिया के इस खामोशी की वजह से लोग अब कांग्रेस की ओर उम्मीद लगाए हुए हैं।

क्योंकि मुस्लिमों पर जब जब जुल्म होते हैं,तो समाजवादी पार्टी और उसके नेता खामोश हो जाते है। समाजवादी पार्टी का दामन छोड़कर कांग्रेस में शामिल पूर्व सपा नगर सचिव जमाल अफजल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी देश में सभी वर्गों का ख्याल रखती है। राहुल गांधी और मल्लिका अर्जुन खड़गे की अगुवाई में कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने के लिए वह अपने साथियों के साथ कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए हैं। वहीं सपा लोहिया वाहिनी के प्रदेश सचिव रहे मोहम्मद सैफ ने आरोप लगाया है कि सपा में अल्पसंख्यकों के लिए कोई स्थान नहीं है।

यही वजह है कि बड़ी संख्या में मुस्लिम नेता सपा को छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं। अखिलेश का साथ छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए नेताओं ने ये दावा किया है कि जल्द ही सैकड़ों नेता और कार्यकर्ता सपा छोड़ कांग्रेस में शामिल होंगे। इसके लिए व्यापक तौर पर रणनीति भी तैयार की जा रही है।