गया को यूं ही धार्मिक नगरी नहीं कहा जाता है. यहां सभी धर्म के लोगों का वास है और सर्व धर्म समभाव देखने को मिलता है. यहां भगवान विष्णु के चरण पड़े, तो सिद्धार्थ गौतम को ज्ञान की प्राप्ति हुई. गुरुनानक देव जी का भी यहां आगमन हुआ है, तो सूफी पीर मंसुर की यह सरजमीं है. गया ने हमेशा से गंगा जमुनी तहजीब की मिशाल पेश की है और लोगों को शांति का पैगाम दिया है. गया से देश-दुनिया को शांति सद्भावना व भाईचारे का पैगाम देने की एक बार फिर तैयारी चल रही है. इसके लिए पीस एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा 16 मार्च से 19 मार्च तक चार दिवसीय विश्व शांति महोत्सव का आयोजन किया जाएगा. इस कार्यक्रम में देश व दुनिया के विभिन्न धर्मों के विख्यात स्कॉलर शामिल होंगे और पूरे विश्व को शांति का पैगाम देंगे
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