समाज में व्याप्त कुरीतियों के विरोधी और महिलाओं की शिक्षा के पक्षकार थे महात्मा ज्योतिबा राव फुले

0
22
महात्मा ज्योतिबा राव फुले

यूपी के फतेहपुर जिले के असवार तारापुर में शिक्षा के अग्रदूत व महिला शिक्षा के पुरोधा महात्मा ज्योतिबा राव फुले के जन्म दिन के अवसर पर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उनके विचारों को बढ़ाने के लिए जागरूकता रैली का आयोजन किया गया जिसमें यह यात्रा तारापुर असवार से सरदार पटेल शोध संस्थान के जनरल सेकेट्री चंद्रभान यादव के नेतृत्व में बादलपुर, कल्याणपुर, भदाबा, मोहन खेड़ा, करसवा, छोटी कुश्ती, बड़ी कुश्ती, खरगुसराय, वाहिदपुर, चखेड़ी, झाऊ,असते, भरसवा, सहिली, रावतपुर, कालूखेड़ा आदि विभिन्न गांवों में रैली निकालकर समाजिक चेतना को बढ़ावा देकर लोगों को जागरूक किया गया जिसमें मुख्य रूप से भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष राजेश पाटिल अपने दर्जनों पदाधिकारियों के साथ शामिल रहे।

Also Read: औरंगजेब की कब्र विवाद के बीच रायगढ़ से अमित शाह का बड़ा बयान – “जो खुद को आलमगीर कहता था, वो महाराष्ट्र में हारा और यहीं दफनाया गया”

समाज की विभिन्न कुरीतियां जिन्हें ज्योतिबा राव जी ने किया था समाप्त

सरदार पटेल शोध संस्थान के जनरल सेक्रेटरी चंद्रभान सिंह ने कहा अंग्रेजो के शासन काल के पहले से समाज मे विभिन्न कुरीतियां रही हैं जिन्हें ज्योतिबा राव जी ने समाप्त करने का एक बड़ा प्रयास किया समाज को शिक्षा से जोड़ने के लिए उन्होंने अपना जीवन निछावर लर दिया यहीं तक नहीं खुद अपनी पत्नी सावित्री बाई फुले को पढ़ाया और महिलाओं को शिक्षित करने के लिए स्कूल खोला।

आजादी के बाद देश शिक्षा को महत्व

बाबा साहेब ने शिक्षा को महत्व दिया और देश की आजादी के बाद देश का संविधान लिखा वहीं भीम आर्मी जिलाध्यक्ष राजेश पाटिल ने कहा समाज को अपने महापुरुषों का सम्मान कारना चाहिए उनके कामों को याद करना चाहिए जिससे हमें प्रेरणा मिल सके। आज सर्व समाज के लोग इस जागरूकता रैली का आयोजन कर समाज को जागरूक करने का काम किया गया है। वहीं यात्रा का समापन तारापुर में किया गया।

ज्योतिबा राव जी के विचारों को बढ़ाने के लिए जागरूकता रैली।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here