मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आजादी के अमृत काल के प्रथम वर्ष में प्रस्तुत ‘नए उत्तर प्रदेश’ का बजट राज्य के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास के इतिहास में नए स्वर्णिम अध्याय जोड़ेगा। यह बजट प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप प्रदेश के गांव, गरीब, किसान, नौजवान व महिलाओं समेत समाज के हर तबके के हितों की पूर्ति करने वाला है।
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हमने तो समंदर के रुख बदले हैं। मोदी-योगी ने सोचने के सलीके बदले हैं। आप कहते थे कुछ नहीं होगा। हमने आपके भी सोचने के तरीके बदले हैं। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने जैसे ही इन पंक्तियों के साथ अपने बजट भाषण का समापन किया, पूरा हाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। जैसी उम्मीद थी, योगी का बजट उसी के अनुरूप रहा। बजट में प्रदेश की जनता की खुशहाली और उसकी तरक्की के साथ ही प्रदेश को आगामी वर्षों में वन ट्रिलियन इकॉनमी बनाने के लक्ष्य का पूरा रोडमैप नजर आया।युवा, महिला, गरीब, वृद्ध, दिव्यांग, किसान समेत सीएम योगी ने बजट में हर वर्ग और तबके का ध्यान रखा तो वहीं प्रदेश में जीआईएस-23 के तहत होने वाले भारी निवेश को दृष्टिगत रखते हुए बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और डेवलपमेंट पर भी विशेष फोकस रहा। यह बजट कई अन्य मामलों में भी ऐतिहासिक रहा।

यह योगी सरकार का लगातार छठवां, जबकि दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट भी था। वहीं, यह प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा बजट भी रहा। प्रस्तुत बजट का आकार 6 लाख 90 हजार 242 करोड़ 43 लाख रुपए (6,90,242.43 करोड़ रुपए) है। राज्य सरकार का पिछले वर्ष का मूल बजट 6.15 लाख करोड़ रुपए और अनुपूरक बजट 33,769 करोड़ रुपए का था