ढाई महीने बाद वीडियो कॉल के जरिए 20 लाख रुपये रिश्वत मांगने के मामले में आईपीएस अनिरुद्ध सिंह को दोषी करार किया गया
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12 मार्च को अनिरुद्ध सिंह का वीडियो वायरल हुआ था , शासन के कहने पर डीजीपी मुख्यालय ने अनिरुद्ध के खिलाफ वाराणसी के जाँच सौपी और उन्होंने एसपी हेडक्वॉर्टर ऐंड डीआईजी क्राइम संतोष कुमार सिंह को जाँच अधिकारी बनाया और 3 दिन के भीतर जाँच रिपोर्ट मांगी थी हालांकि , जांच पूरी करके भेजने में ढाई महीने बीत गए इस पर वाराणसी पुलिस ने कहा की वीडियो की फॉरेंसिक जाँच में समय लग रहा हैं ,जांच होने के बाद मई के आखिरी में रिपोर्ट डीजीपी कार्यालय भेज दी गयी।

जब जाँच हुई तो आईपीएस अनिरुद्ध सिंह दोषी पाए गए ,जांच में यह भी सामने आया की जब अनिरुद्ध को वीडियो की जानकारी मिली तो उनका कहना था की वो आरोपी को ट्रैप करने के लिए वीडियो काल किया था।

अनिरुद्ध का वीडियो वायरल होने से पहले ही स्कूल संचालक की तरफ से डीजीपी मुख्यालय को शिकायत भेजी गई थी। जांच के दौरान स्कूल कारोबारी को भी बयान के लिए बुलाया गया था, लेकिन वह कमेटी के सामने उपस्थित नहीं हुए।

वहीं, अनिरुद्ध ने जांच कमेटी के सामने यह कहा कि स्कूल संचालक उन्हें केस को दबाने के लिए लालच दे रहे थे, इसलिए वह ट्रैप कर रहे थे। इसी दौरान स्कूल संचालक ने उनका वीडियो रिकॉर्ड कर लिया। इस पर जांच कमेटी ने अनिरुद्ध की काउंसिलिंग करके उनको क्लीनचिट दे दी। इसके बाद अनिरुद्ध फतेहपुर और फिर मेरठ के एसपी ग्रामीण के पद पर तैनात किये गये । वही उनकी पत्नी आरती सिंह का ट्रांसफर कानपुर पुलिस कमिश्नरेट कर दिया गया।
VIRAL VIDEO IPS ANIRUDH SINGH
क्या था मामला?
12 मार्च को सोशल मीडिया पर मेरठ के एसपी ग्रामीण आईपीएस अनिरुद्ध सिंह का एक वीडियो वायरल हुआ था। वीडियो में वह स्कूल में बच्ची के साथ हुए रेप के मामले में स्कूल के संचालक को बचाने के एवज में 20 लाख रुपये मांग रहे थे। स्कूल के संचालक ने इस वीडियो कॉल को रिकॉर्ड कर लिया था,और वायरल करके शिकायत दर्ज करवाई थी