ओडिशा बालासोर ट्रेन दुर्घटना में मारे गए लोगों की पहले संख्या 288 बताई जा रही थी लेकिन अब ओडिशा के चीफ़ सेक्रेटरी प्रदीप जेना ने आंकड़ों में सुधार करते हुए मृतकों की संख्या 275 बताई है.
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इस दर्दनाक हादसे में करीब एक हज़ार लोग घायल हुए हैं, जिनमें से कइयों की हालत गंभीर बताई गई है.
लेकिन अब एक और समस्या जो सरकार के लिए परेशानी का बड़ा कारण बन रहा है वो है वो लाशों की शिनाख्त करना। क्योंकि त्रासदी में मरने वाले 275 लोगों में से अब तक 187 लोगों की शिनाख्त तक नहीं हो पाई है. ऐसे में उन लोगों के परिजनों को मुआवज़ा कैसे मिलेगा? और क्या उनके परिवार वाले अपने उस सदस्य के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पायेंगे। हालाँकि सरकार ने विभिन्न राज्यों के परिजनों से बालासोर ट्रेन दुर्घटना में मारे गए लोगों के शवों की पहचान करने और दावा करने का आग्रह किया है। सरकार के अनुसार, विभिन्न मुर्दाघरों में अभी भी सैंकड़ों शवों का दावा किया जाना बाकी है। जैसे जैसे दिन बीत रहें है सरकार की मुश्किलें बढ़ती जा रही है क्योंकि शव अब तेजी से सड़ रहे हैं, जिससे पहचान करना मुश्किल होता जा रहा हैं।

बता दें कि ट्रेन हादसे में मारे गए बहुत सारे यात्री प्रवासी मजदूर थे। ऐसे में मृतकों के परिजनों को दूसरे राज्यों से ओडिशा आने में समय लग रहा है। लोग धीरे-धीरे पहुंच रहे हैं और तस्वीर देखकर अपने सगे-संबंधियों की पहचान कर रहे हैं। ओडिशा सरकार ने बाहर के लोगों की सुविधा के लिए मृतकों की पहचान के लिए तीन वेबसाइटों पर उनकी फोटो अपलोड की हैं। सरकार ने प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि परिजन वेबसाइट पर मृतकों की फोटो देखकर शवों की पहचान कर सकते हैं। राज्य सरकार ने उम्मीद जतायी है और दावा किया है कि बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और अन्य पड़ोसी राज्यों के कई यात्री अक्सर इन यात्री ट्रेनों में यात्रा करते हैं, इसलिए अधिकांश शव इन्हीं राज्यों के लोगों की हो सकती है।ओडिशा सरकार लगातार इस पूरे मामलें में सक्रिय है सरकार ने तीन सरकारी वेबसाइट पर विभिन्न अस्पतालों में भर्ती घायलों की लिस्ट भी जारी की है। इसके साथ ही, मृतकों की फोटो भी अपलोड की गई है। मुख्य सचिव ने कहा है कि शवों की पहचान और स्वीकृति के लिए 18003450061 एक ट्रोल-फ्री नंबर जारी किया गया है। जो लोग शवों की पहचान करने आ रहे हैं, वे इस नंबर पर कॉल कर सकते हैं। हमारे अधिकारी उनकी मदद करेंगे। उन्हें कोई समस्या नहीं होगी।

बता दें कि एक और टोल फ्री नंबर1929 ओडिशा सरकर ने लोगों के लिए जारी किया है। लेकिन नंबर सर उड़ीसा के लोगो के लिए हैं। शिनाख्त में देरी की एक और वजह ये भी है हादसा के वक्त जनरल डिब्बा सामान्य यात्रियों से भरा हुआ था. इस डिब्बे में आम लोग जनरल टिकट पर सफर करते हैं. ऐसे में रेलवे के पास इन डिब्बे में यात्रा कर रहे लोगों की न तो संख्या का और न ही पहचान का कोई रिकॉर्ड होता है.यही वजह है कि इस जनरल डिब्बे में यात्रा कर रहे लोगों की शिनाख्त करने में सबसे ज़्यादा समय लग रहा है.