लखनऊः उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपना खोया हुआ जनाधार वापस लाने में जुटे हुए है , आगामी लोकसभा चुनाव में सपा बीजेपी को हराने के लिए पूरी कोशिश में लगी हुई है । ’80 हराओ, भाजपा हटाओ’ के नारा के बाद अखिलेश यादव ने बीजेपी को पटखनी देने का मंत्र बताया हैं। ,बता दे कि एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में अखिलेश ने बताया कि वह आने वाले लोकसभा चुनाव में PDA फॉर्मूला पर काम करेंगे और NDA को हटाएंगे।
ALSO READ-डायलॉग राइटर मनोज ने कहा बदलाव के साथ फिर रिलीज़ होगी आदिपुरष

अखिलेश यादव की पीडीए फॉर्मूला में P (पिछड़े वर्ग), D (दलित) और A (अल्पसंख्यक वोटर्स) आते हैं। 2019 के चुनाव में सपा का गठबंधन बसपा से हुआ था। लेकिन दोनों पार्टियां बुरी तरह से हार गयी थी , जिसकी वजह से चुनाव के बाद दोनों पार्टियों का गठबंधन टूट गया था। वही अगर बात करें सपा की तो वो आमतौर पर MY समीकरण यानी कि मुस्लिम और यादव के लिए जानी जाती है। लकिन अब सपा गैर यादव ओबीसी और दलितों में पैठ बनाने की कोशिश में लगी हुई है । वही अगर विधान सभा की चुनाव की बात करे तो उस चुनाव में अल्पसंख्यक समुदाय का भरपूर साथ मिला था, लेकिन बीएसपी से छिटकर दलित वोट बीजेपी के खाते में चला गया। अखिलेश इसी वोट पर दावा करना चाहते हैं।

वही अखिलेश यादव की बात पर तंज कसते हुए उत्तर प्रदेश के उप मुखयमंत्री केशव मौर्या ट्वीट कर अखिलेश यादव पर निशाना साधा और जवाब दिया हैं।
उप मुखयमंत्री केशव मौर्या ने ट्वीट में लिखा ,”सपा बहादुर श्री अखिलेश यादव के PDA का मतलब पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक नहीं बल्कि P परिवारवाद,D दंगाईयों का संग, A अपराध करने वालों को संरक्षण इनका यही इतिहास वर्तमान और भविष्य है, सपा गुंडों की भाजपा ग़रीबों के लिए समर्पित है!”

अब देखने वाली बात होगी की 2024 के लोक सभा चुनाव में किससे कौन गठबंधन करता है और कौन कितने सीट पर जीत प्राप्त करता है , और किसका समीकरण काम करेगा