अपराधों पर लगाम लगाने वाली पुलिस ही अपराधी बन गई है…मामला कानपुर नगर के सचेंडी थाने का है… जहां बीते 22 फरवरी को दो दरोगा और एक हेड कांस्टेबल ने देर रात चौहान ढाबे के पास लूट की वारदात को अंजाम दिया.
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पीड़ित की तहरीर पर पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया…जहां उच्च अधिकारियों के दबाव में जांच की गई…तो मामले को सही पाया गया…वहीं जांच करते हुए आरोपी पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर लूट के 5 लाख 30 हजार रुपए बरामद किए गए है.आइये हम आपको पूरी घटना के बारे में बताते है
कानपुर में यूपी पुलिस ने एक बार फिर ऐसा कारनामा किया, जो चर्चा का विषय बना हुआ है. दो दरोगा और एक सिपाही ने मिलकर एक हार्डवेयर कारोबारी से 5,30000 लाख रुपये लूट लिए. कारोबारी के विरोध करने पर उसे फर्जी केस में फंसाने की धमकी दी और पीटा भी. कारोबारी की शिकायत पर पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड ने जांच शुरू कराई तो मामला सही मिला. तीनों पुलिस वालों को निलंबित कर गिरफ्तार कर लिया गया है. अब तीनों की बर्खास्तगी की तैयारी की जा रही है.
धमका कर की लूट
वारदात में शामिल दो पुलिस वाले डीसीपी वेस्ट की स्वाट टीम में और 1 दरोगा सचेंडी थाने में तैनात था. कानपुर देहात के सिकंदरा निवासी हार्डवेयर कारोबारी सत्यम शर्मा बुधवार की रात लगभग 8:00 बजे 5,30000 लेकर उन्नाव जनपद से अपने घर लौट रहा था. रास्ते में दीपू चौहान के ढाबे के पास कारोबारी को डीसीपी वेस्ट कार्यालय में तैनात दरोगा यतीश कुमार, हेड कांस्टेबल अब्दुल और सचेंडी थाने में तैनात दरोगा रोहित सिंह ने रोक लिया. इसके बाद कारोबारी को धमकाया गया और मारपीट कर उसके पास मौजूद 5,30000 लाख रुपये लेकर पुलिस वाले फरार हो गए.