कांकेर में 15 साल की बालिका अपने पिता के आधार कार्ड से स्कूल मे दाखिला लेकर अभी कक्षा 9 की पढ़ाई कर रही है…बता दे कि, जन्म लेते हू आधार कार्ड बन जाता है…लेकिन, डिजिटल भारत के दौर मे 15 वर्षीय बालिका की अबतक कोई पहचान नहीं है…
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दरअसल, ज्योति भार्गव की उंगलियां बचपन से अब तक फिंगर प्रिंट लेने में नाकाम रही है…जिससे ज्योति को शासन की किसी योजनाओं का फायदा नहीं मिलता…ज्योति के पिता का है कि, उच्च शिक्षा के लिए भी परेशानी का सामना करना पड़ेगा…कई बार दफ़्तरो के चक्कर काट चुके है…पर 15 सालों से अब तक पहचान पत्र नहीं बना पाया है…