झाबुआ जिले के आदिवासी अंचल में गुड़िया बनाने वाले रमेश परमार और उनकी पत्नी शांति परमार को शिल्पकला के क्षेत्र में पद्मश्री से सम्मानित किया गया है. परमार दंपति पिछले 30 साल से आदिवासी वेशभूषा की गुड़िया बना रहे हैं.
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1993 में उद्यमिता कौशल विकास केंद्र में ट्रेनिंग लेकर रमेश परमार और उनकी पत्नी शांति परमार ने आदिवासी गुड़िया बनाने की शुरुआत की… शुरुआत में परिवार को आर्थिक परेशानियों का भी सामना करना पड़ा… लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने भोपाल एवं दिल्ली में लगने वाली प्रदर्शनी से उनके काम को नई पहचान मिली और अब उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया…