रतलाम का एक गांव ऐसा भी है, जहां रावण का अंत 6 महीने पहले हो जाता है… जिले के चिकलाना गांव में रावण की मूर्ति की नाक काटकर छह महीने पहले ही उसका प्रतीकात्मक अंत कर दिया जाता है…
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इस गांव में शारदीय नवरात्रि की बजाए गर्मियों में पड़ने वाली चैत्र नवरात्रि में रावण के अंत की परंपरा है… इस अनोखी परंपरा में ग्रामीण मिट्टी से रावण की प्रतिमा बनाते हैं… चैत्र नवरात्रि के दसवें दिन समारोह कर भाले से रावण की नाक काटकर उसका अंत किया जाता है… जावरा क्षेत्र के चिकलाना, कालूखेड़ा और कई गांवों में इसी तरह चैत्र नवरात्रि के बाद रावण के वध की परंपरा निभाई जाती है…