आजकल देश में एक बात की चर्चा खूब हो रही है वो बात है भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने की ,लगातार देश के कई बड़े संत इस बात को अपने कथा के मंच से दोहराते रहें है कि बहुत जल्द ही हिंदुस्तान हिन्दुराष्ट्र बनने वाला है। तमाम लोग संतों के विचारधारा पर सहमत भी नजर आते हैं।
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भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए बागेश्वर बाबा के नाम से मशहूर पंडित धीरेन्द्र शास्त्री लगातार बयानबाजी कर रहें है उनके बयान को भारी संख्या में लोग समर्थन भी दे रहें है ऐसे में ये सवाल उठता है कि क्या भारत वास्तव में हिन्दू राष्ट्र बनने की तरफ बढ़ रहा ,क्या भारत आने वाले समय में अपने संविधान को बदलकर अपना नया इतिहास लिखेगा। ये तो समय बतायेगा लेकिन अगर भारत हिन्दू राष्ट्र आने वाले समय में बनता है तो इस्लामिक व अन्य देशों की तरह भारत बिलकुल भी नहीं होगा यहां हर धर्म के लोगों को अपने धर्म का पालन करने की आजादी होगी लेकिन पहला अधिकार हिन्दू, सिख, बौध व जैनियों का होगा।

आज जो सबरीमाला, राम मंदिर, काशी विश्वनाथ, ज्ञानवापि मंदिर, आदि के मसले हैं वे हिन्दू राष्ट्र बनने पर स्वत ख़त्म हो जाएंगे। हिन्दुओं की जहां जनसंख्या कम है वहां अल्पसंख्यकों की श्रेणी में रखा जाएगा। हिन्दू, बौध,जैन व सिखों को अनुपात के अनुसार नौकरियां, लोकसभा व विधानसभा की सीटों में आरक्षण, पंचों में अनिवार्यता, होगी।आर्थिक आधार पर आरक्षण, जनसंख्या नियंत्रण कानून, एकसमान कानून लागू होने से कई समस्याएं स्वत खत्म हो जाएंगी। हिन्दू राष्ट्र घोषित होने से भारतीय विचारधाराओं पर वामपंथियों के कुठाराघात पर अंकुश लग जाएगा। आइये अब हम आपको ये भी बताते है कि अगर भारत आने वाले कुछ सालों में अगर इस्लामिक राष्ट्र बन जाता है तो क्या होगा

एक और सवाल आपके मन में उठ रहा होगा कि क्या भारत के इस्लामिक राष्ट्र बन जाने पर गैर मुसलमानों की क्या हालत पाकिस्तान, बंगलादेश या अन्य मुस्लिम देशों से बेहतर होगी या उनको इस्लाम कबूलना होगा। प्रश्न का उत्तर देने से पहले मैं आपको इस्लामिक देशों, ईसाई देशों व बौध देशों के बारे में बताता हूं। इन देशों में अन्य धर्मों के प्रचार प्रसार में पूरी तरह से पाबंदी है और वहां शरिया लागू है। वहां गैर मुस्लिम लोग अपने त्यौहार नहीं मना सकते।

इस प्रकार से किसी भी दूसरी विचारधारा के लिए कोई जगह नहीं है। वहां के लोगों के सिर्फ और सिर्फ इस्लाम के बारे में ही शिक्षा दी जाती है और इस्लाम के खिलाफ बोलने वाले या प्रश्न पूछने पर ईश निंदा के तहत मौत की सजा दी जाने का नियम है। ईसाई देशों में दूसरे धर्मों के लोग रह तो सकते हैं लेकिन ईसाई धर्म को सर्वोपरि स्थान दिया जाता है। चर्चों व पादरियों के लिए सरकारों की तरफ से विशेष बजट रखा जाता है जिससे दूसरे एशिया,अफ्रीका व अन्य देशों में अन्य धर्मों के लोगों का धर्मपरिर्वतनत करवाना, पादरियों के वेतन आदि का प्रावधान होता है। किसी भी पार्टी की सरकार बने उसे ईसाई धर्म में आस्था की शपथ उठनी पड़ती है। अमेरिका में बराक ओबामा ने जब शपथ उठाई तो स्वंय को ईसाई घोषित किया । यह भारत में ऐसे ही होगा जैसे कोई वामपंथी सरकार काशी के महाकाल मंदिर के सामने माथा निवा कर शपथ उठाए और कहे कि सनातन धर्म ही सर्वश्रेष्ट है श्रीलंका, जापान, म्यांमार आदि देशों में बौध धर्म को सरकारी संऱक्षण प्राप्त है।वहां सरकार किसी भी दल की बने बौध धर्म

र्म को सरकारी धर्म मानना ही पड़ेगा। बौध विहारों के आसपास 100 किलोमीटर के दायरे में किसी दूसरे धर्म के लोगों को कोई भी धार्मिक काम करने में पाबंदी रहती है। बौध विहारों व मंदिरों से कोई छेड़छाड़ नहीं कर सकता।

ऐसे में अगर भारत हिन्दू राष्ट्र बनता है तो सबसे पहले भारतीय धर्मिक परम्पराओं को संरक्षित किया जाएगा। जैसे हिन्दू, जैन, बौध व सिख भारतीय विचारधाओं व मंदिरों को पूरी तरह से सरकारी संरक्षण मिलेगा। इनके धार्मिक स्थलों को भी संरक्षित किया जाएगा। राष्ट्रीय धर्म हिन्दू होगा। इस प्रकार से हिन्दुओं के अधिकार भी संरक्षित किए जाएंगे।ऐसे में तमाम साधु संत चाहते है कि भारत बहुत जल्द हिन्दू राष्ट्र बने और सनातन धर्म को सरकार से संरक्षण प्राप्त हो