
also read Sultanpur : किसानों ने किया तहसील का घेराव, सरवर नहीं होने का बता रहे बहाना
इंदौर के सीमा सुरक्षा बल के सहायक प्रशिक्षण केन्द्र में राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया गया. कार्यक्रम में पूर्व हॉकी खिलाड़ी मीर रंजन नेगी शामिल हुए. खिलाड़ियों के बीच उन्होंने अपने जीवन के अनछुए पहलुओं को साझा किया.
उन्होंने कहा कि जिंदगी में कभी हार नहीं माननी चाहिए. 1982 के एशिया कप हॉकी में हार के बाद उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उन्हें कभी दोबारा भारतीय हॉकी टीम में खेलने का मौका मिलेगा, लेकिन 16 साल बाद उन्हें 1998 में दोबारा कोच के रूप में मौका मिला.उन्होंने हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद और खुद के जीवन पर बनी फिल्म “चक दे इंडिया” के कुछ अनछुए पलों को भी साझा किया. कार्यक्रम में नेगी और हॉकी कोच को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया.