लखनऊ। योगी सरकार में उप मुख्यमंत्री और सूबे के स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक यूपी की स्वास्थ्य व्यावस्था को पटरी पर लाने के लिए तमाम कयावद करते रहे है। कभी तीमारदार बनकर हॉस्पिटल में छापेमारी की तो कही अचानक पहुँचकर स्वास्थ्य व्यावस्था का हाल परखा।
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कई लापरवाह डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ पर कार्रवाई भी हुई। उपमुख्यमंत्री की इन सारी कवायदों का मकसद स्वास्थ्य व्यावस्था में सुधार लाना और सभी मरीजों को बेहतर ईलाज सुनिश्चित कराना है। हालांकि कुछ स्वास्थ्य कर्मी ही उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक की कवायदों पर पानी फेर रहे है। ऐसा ही एक मामला सूबे के प्रयागराज से जुड़ा है जहां पर सीएमओ कार्यालय में तैनात जेल जा चुके एचईओ के संरक्षण में झोलाछाप डॉक्टरों की क्लीनिक फल – फूल रही है। इन झोलाछाप डॉक्टरों के ईलाज से कई मरीज अपनी जान भी गवां चुके है। एचईओ और अवैध क्लीनिक संचालित करने वाले झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ अब सीएम पोर्टल पर शिकायत कर सीएम योगी से कार्रवाई की मांग की गई है।

सरदार शिक्षण सेवा संस्थान की ओर से मुख्यमंत्री शिकायत पोर्टल पर आईजीआरएस संख्या 15175230068886 से शिकायत कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कार्रवाई की मांग की है। शिकायत पत्र के मुताबिक प्रयागराज में हाजीगंज तहसील के सोरांव गांव में 4 बेड का एक अवैध क्लीनिक का संचालन किया जा रहा है। संचालनकर्ता झोलाछाप डॉक्टर दीप कुमार जिसके पास न तो डॉक्टरी की डिग्री और न ही इस पेशे से जुड़ा कोई अनुभव प्रमाणपत्र इसके बावजूद भी वह मरीजों का ईलाज कर उनकी जान से खिलवाड़ कर रहा है। पत्र में झोलाछाप डॉक्टर के ईलाज से महिला की मौत और कई मरीजों की जान सांसत में पड़ने की भी बात का जिक्र किया गया है। आरोप है कि जब – जब झोलाछाप डॉक्टर दीप कुमार की शिकायत होती है और मंडलीय निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य प्रयागराज की टीम जांच के लिए जाती है उससे पहले ही झोलाछाप डॉक्टर दीप कुमार घरनुमा अवैध क्लीनिक बंद कर फरार हो जाता है और टीम की वापसी के बाद फिर से धंधा शुरू कर देता है।

शिकायत पत्र में कहा गया है कि प्रयागराज सीएमओ कार्यालय में तैनात स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी पंकज पाण्डेय की संरक्षण में न सिर्फ दीप कुमार का अवैध क्लीनिक संचालित हो रहा है बल्कि ऐसे सैकड़ों क्लीनिक पर स्वास्थ्य कर्मी मेहरबान है। आरोप के मुताबिक सुविधा शुल्क के नाम पंकज पाण्डेय सभी से मोटी रकम वसूल कर उनको संरक्षण देता है। जब कोई शिकायत की जाती है तो पंकज पाण्डेय पहले से हो झोलाछाप डॉक्टरों को सचेत कर देता है और वह टीम पहुँचने से पहले ही दुकान बंद कर फरार हो जाते है। सीएम योगी आदित्यनाथ के नाम संबोधित शिकायत पत्र में यह भी कहा गया है कि 2 साल पहले स्वास्थ्यकर्मी पंकज पाण्डेय को घूस लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया था जिसके चलते उसको निलंबित कर जेल भी भेजा गया था। जेल से छूटने के बाद रसूख के चलते पंकज पाण्डेय ने न सिर्फ एक बार फिर प्रयागराज सीएमओ कार्यालय में तैनाती पाई बल्कि उसको मलाईदार पद भी मिल गया जिसके चलते उसके काले कारनामों का बाजार गर्म हो गया।

सरदार शिक्षण सेवा संस्थान के अध्यक्ष राकेश कुमार के मुताबिक पंकज पाण्डेय जैसे सरकारी कर्मियों की वजह से ही योगी सरकार की साख पर बट्टा लग रहा है। इसीलिए ऐसे सरकारीकर्मी के खिलाफ कार्रवाई की जाए ताकि सांच पर आंच न आये।