बुजुर्गों की अनदेखी के मामलों में बेतहाशा वृद्धि ,आकड़े देखकर हिल जायेंगे आप

हम बूढ़े दरख़्त ज़माने के काम आये ,,,जब सूख गए तो जलाने के काम आये ,आज बात करेंगे भारत के उस पीढ़ी की जिसकी मेहनत और वर्षों की लगन की वजह से आज हम और आप है ,एक सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक 2050 तक भारत में बुजुर्गों की आबादी 31.9 करोड़ हो जाएगी।

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2011 में हुई जनगणना के अनुसार इनकी संख्या 10.4 करोड़ थी। बुजुर्गों की आबादी बढ़ने के साथ-साथ उनके साथ दुर्व्यवहार की संख्या में भी तेजी से इज़ाफा हो रहा है। एक वक्त होता है जब पेरेंट्स अपने बच्चों को दुनियाभर की खुशी देना चाहते हैं। भले ही उनकी जेब खाली हो, पेट में भूख से मरोड़ उठे, खुद चाहे अच्छा न पहनें, लेकिन वे अपने जिगर के टुकड़े की हर ख्वाहिश और फरमाइश पूरी करने में जुटे रहते हैं, लेकिन जब बूढ़े माता-पिता को बच्चों के साथ की जरूरत होती है तो वे अपनी जिम्मेदारियों से अनजान रिश्ते में अजनबियों की तरह व्यवहार करने लगते हैं।ये हृदय विदारक कहानियाँ केवल कुछ वृद्ध माताओं की नहीं हैं, बल्कि वृद्धाश्रम में रह रहे सभी बूढ़े माँ-बापों की ऐसी ही अपनी-अपनी दास्तान हैं जिन्हें सुनकर किसी भी व्यक्ति की आँखों में आँसू आ जाएँगे। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि इन बूढ़े माँ-बापों को ऐसी हालत तक पहुँचाने वाले लोग कहीं बाहर से नहीं, बल्कि हमारे-आपके बीच से ही आते हैं। जिनके कारण धरती पर भगवान का रूप कहे जाने वाले माँ-बाप को अपने बच्चों के होते हुए दर-दर भटकना पड़ता है।

कई बार तो माँ-बाप अपनी संतान के सामने इतने असहाय हो जाते हैं कि थक-हारकर वे अपनी जीवनलीला ही समाप्त कर लेते हैं।बुजुर्गों से जुड़ी एक रिसर्च ने सभी को चौका दिया हैं , रिसर्च के मुताबिक,60/ घरों में बुजुर्गो के साथ अच्छा व्यवहार नही होता है यानिकि 60% घरों में बुजुर्गों का शोषण होता है जिसमे,66% गरीब घर परिवार से आते है और 39% अमीर बुजुर्ग अपने बेटे बेटी से दूर अकेले घर में रहते है। हेल्प ऐज’ नाम की संस्था ने 60 से 90 साल उम्र की 7911 बुजुर्ग महिलाओं पर एक सर्वे किया। इसमें सामने आया कि 16% महिलाएं अपने ही बच्चों से पीड़ित हैं। । इस सर्वे में 20 राज्य और 2 केंद्र शासित प्रदेशों की महिलाएं शामिल थीं। इसमें 50% महिलाओं के साथ मारपीट हुई। 46% का घर में अनादर होता है।

40% के अनुसार उन्हें भावनात्मक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है। इनमें 40% महिलाओं ने कहा कि ऐसा उनके खुद के बेटे करते हैं। 27% ने इसके लिए बहू को दोषी ठहराया।फ़िलहाल युवा पीढ़ी को समझना चाहिए कि वृद्ध व्यक्ति समाज के लिये संपत्ति की तरह हैं, बोझ की तरह नहीं, और इस संपत्ति का लाभ उठाने का सबसे अच्छा तरीका यह होगा कि उन्हें वृद्धाश्रमों में अलग-थलग करने की बजाय मुख्यधारा की आबादी से जोड़ना चाहिए । अगर हर संतान अपने माता- पिता को साथ रखे;और उनसे राय मशवरा ले तो संतान का जीव

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