मध्यप्रदेश में कई मेडिकल कॉलेज की चमचमाती हुई बिल्डिंग दिख जाएंगी….लेकिन यह जरूरी नहीं है कि इन मेडिकल कॉलेज में पर्याप्त संख्या में फैकल्टी हो…दूसरी तरफ प्रदेश भर में बड़ी अधोसंरचना वाले जिला अस्पताल भी देखने को मिल जाएंगे….लेकिन इन जिला अस्पतालों में भी विशेषज्ञ डॉक्टर मिलना आसान नहीं है…
ALSO READ-9 सीटर प्लेन की ट्रायल, मां महामाया एयरपोर्ट पर ट्रायल

आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में लगभग 68% विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है… सामान्य सर्जन के भी 26% से ज्यादा पद खाली हैं…. मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी के 1133 से ज्यादा पद खाली हैं… यह स्थिति तब है जब बीते कुछ सालों में प्रदेश के चिकित्सा बजट में चार हजार करोड़ से अधिक की बढ़ोतरी हो चुकी है….
डॉक्टरों की इस कमी का सीधा प्रभाव जनता के स्वास्थ्य पर आ रहा है… समय पर चिकित्सा ना मिलने के कारण कई गंभीर रोगियों की मौत समय से पहले हो रही है…. जच्चा – बच्चा मृत्यु दर में भी मध्यप्रदेश अभी शीर्ष पर बना हुआ है… आखिर इस परेशानी का हल क्या है….