अनादि विशेष : ‘कष्ट’ का चक्र आराम की छुट्टी !

महिलाओं को मातृत्व अवकाश दिया जा रहा है…लेकिन अब एक और अवकाश की मांग हो रही है… यह है पीरियड्स अवकाश…महिलाएं हर महीने मासिक चक्र के दौर से गुजरती हैं.

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कुछ महिलाओं के लिए यह दौर बहुत कष्टप्रद हो जाता है… लगभग 50% महिलाएं इस दौरान शुरुआती 24 घंटे से लेकर 72 घंटे तक पीड़ा का सामना करती हैं. उनका किसी काम में मन नहीं लगता और आराम करने की इच्छा होती है. शरीर से निकलता रक्त शरीर में कमजोरी पैदा करता है. निश्चित रूप से हर माह होने वाला यह चक्र महिलाओं को चिंता और अवसाद के गहरे दुष्चक्र में धकेल देता है. एक दृष्टि से देखा जाए तो प्रकृति की यह घटना महिला को संपूर्णता प्रदान करती है.

उसके कृतित्व को नया आयाम देती है. मासिक चक्र से ही यह सिद्ध होता है कि एक स्त्री मां बनने के योग्य है… किंतु स्त्री की यह उपलब्धि जब कष्टकारी हो तो अवकाश की मांग की जाती है. पर यहां नियोक्ता का भी सवाल है. नियोक्ता यदि प्रतिवर्ष महिलाओं को 36 अवकाश अधिक देगा तो पूरे 10 वर्ष में उसे 360 अवकाश देने पड़ेंगे… यानी 1 वर्ष का वेतन अतिरिक्त देना पड़ेगा. क्या यह संभव है… जानने की कोशिश करेंगे…लेकिन पहले देखिए यह रिपोर्ट.

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