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दिल्ली सेवा विधेयक को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूरी दे दी है. लोकसभा और राज्यसभा से मंजूरी मिलने के बाद आब विधेयक का प्रस्ताव राष्ट्रपति ने भी मान लिया है.

लोक सभा में यह बिल 3 अगस्त को पास कर दिया गया था…और राज्यसभा में 7 अगस्त को पास कर दिया गया था…अब यह बिल कानून के रूप में बदला जाएगा…साथ ही राष्ट्ररपति ने डेटा प्रोटेकशन बिल को भी मंजूरी दे दी है.. दिल्ली सेवा विधेयक के आने से क्या बदलेगा? यह विधेयक एक सिविल सर्विसेज अथॉरिटी बनाता है जो कि है राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण..यह अथॉरिटी को कई ताकत दी गई है.

दिल्ली में वित्त सेक्रेट्री, पीडब्लयूडी सेक्रेट्री कौन बनेगा, ट्रांसफर कब और कैसे होगा, जैसै कई अहम फैसले जनता की चुनी हुई सरकार न करके अब एलजी करेंगे.दिल्ली सेवा बिल के जरिए राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण की स्थापना करने का प्रावधान है. इसमें मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और प्रधान गृह सचिव शामिल होंगे. यही अथॉरिटी अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के लिए उपराज्यपाल को सुझाव देगा. बता दे कि दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था, जो कि केजरीवाल सरकार के पक्ष में था.वही केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर इस कानून को पलट दिया. साथ ही पास किया गया डेटा प्रोटेकशन बिल लोगो को आनलाईन फ्राड से बचाएगा.