जाति न पूछो साधु की,पुछ लीजिए ज्ञान की कहावत राजनीति में उल्टी हो गई है। अब ज्ञान या मुद्दों पर बात नहीं बल्कि जाति पर सियासत हो रही है और कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सजा होने के बाद छत्तीसगढ़ बीजेपी को भूपेश बघेल सरकार पर पलटवार करने का मौका मिल गया है।
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अब तक बघेल सरकार ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के मामले में बीजेपी पर हमलावर थी। आरोप लगा रही थी कि बीजेपी के इशारे पर राज्यपाल ने आरक्षण बिल लटका रखा है। लेकिन गांधी को सजा होते ही बीजेपी अब कांग्रेस पर पलटवार करते हुए हमलावर है और उसे ओबीसी विरोधी एवं उसका अपमान करने वाली बता रही है।
दरअसल, राहुल गांधी के जिस बयान के बाद सूरत कोर्ट ने उन्हें दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई है। उस मुद्दे को बीजेपी ओबीसी वर्ग से जोड़ते हुए कांग्रेस पर समाज के अपमान का आरोप लगा रही है, आरोपों का आलम ये है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी कहना पड़ रहा है कि मैं, भी पिछड़ा वर्ग से हूं और मेरा भी अपमान भाजपा कर रही है। बीजेपी आरोप लगा रही है कि राहुल के ‘सारे मोदी चोर’ वाले बयान से ओबीसी वर्ग का अपमान हुआ है। और अब तक आरक्षण बिल को लेकर हमलावर कांग्रेस इस मुद्दे का बचाव करती नजर आ रही है। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने आरोप लगाते हुए कहा की अहंकार में कभी राजनीति नहीं होती, राहुल गांधी के बयान से देश का ओबीसी समाज आहत और अपमानित हुआ है। इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए। इधर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना है कि किसी के सरनेम से उसकी जाति का पता नहीं चलता। उन्होंने कहा कि मोदी सरनेम देश की दूसरी भी जाति के लोग लिखते हैं मैं बघेल लिखता हूं पर मैं पिछड़ा वर्ग से हूं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि नीरव मोदी और ललित मोदी कभी पिछड़ा वर्ग के नहीं थे।