नेहरू मेमोरियल म्यूजियम का नाम बदलने से भड़की कांग्रेस ,भाजपा पर साधा निशाना

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केंद्र सरकार ने 15 अगस्त के दिन बड़ा फैसला लिया है.सरकार ने दिल्ली के तीन मूर्ति भवन पर स्थित नेहरू मेमोरियल म्यूजियम व लाइब्रेरी (NMML) का नाम बदल दिया है.सरकार ने 16 जून को नाम बदलने का ऐलान किया था.जो की 15 अगस्त से माना जाना था.अब इस म्यूजियम को प्राइम मिनिस्टर्स म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी (PMMS) के नए नाम से जाना जाएगा। सरकार के इस फैसले से सियासत शुरू हो गयी है.भाजपा सरकार के इस फैसले का कांग्रेस सर्कार जमकर विरोध कर रही है. वही भाजपा मामले में सफाई देने में पीछे नहीं हट रही.मामले में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का कहना है की जिनका कोई इतिहास ही नहीं है, वो दूसरों के इतिहास को मिटाने चले हैं उन्होंने कहा था कि नाम बदलने से पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू की शख्सियत को कम नहीं किया जा सकता।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी जवाब देते हुए कहा की एक वंश से अलग नेता भी देश के लिए योगदान दे रहे हैं ये कुछ लोगो से देखा नहीं जा रहा उन्होंने कहा था कि पीएम संग्रहालय राजनीति से परे एक प्रयास है, जिसको हम राजनीती से दूर रखना चाहते है। नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी एक वैश्विक ऐतिहासिक स्थल और किताबों एंव अभिलेखों का भंडार है.यह संसथान दिल्ली के तीन मूर्ति मार्ग पर स्थित है.यह निवास 1930 में बना था और यह तीन मूर्ति हाउस पहले भारत में कमांडर इन चीफ का आधिकारिक निवास था. आजादी के दौर के बाद पीएम जवाहरलाल नेहरू का आधिकारिक निवास बना था. इस निवास में अपने निधन से पहले 16 साल नेहरू यहीं रहे थे। निदान के बाद इस भवन में एक संग्रहालय और एक पुस्तकालय के निर्माण का प्रस्ताव रखा गया जो की मान लिया गया. इसी के बाद नेहरू स्मारक संग्रहालय का उद्घाटन हुआ और NMML सोसायटी की स्थापना हुई ।

केंद्र सरकार ने 15 अगस्त के दिन बड़ा फैसला लिया है।सरकार ने दिल्ली के तीन मूर्ति भवन पर स्थित नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी (NMML) का नाम बदल दिया है। सरकार ने 16 जून को नाम बदलने का ऐलान किया था।जो की 15 अगस्त से माना जाना था।अब इस म्यूजियम को प्राइम मिनिस्टर्स म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी (PMMS) के नए नाम से जाना जाएगा।सरकार के इस फैसले से सियासत शुरू हो गयी है। भाजपा सरकार के इस फैसले का कांग्रेस जमकर विरोध कर रही है.वही भाजपा सरकार मामले में सफाई देने में पीछे नहीं हट रही।मामले में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का कहना है की जिनका कोई इतिहास ही नहीं है, वो दूसरों के इतिहास को मिटाने चले हैं उन्होंने कहा कि नाम बदलने से पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू की शख्सियत को कम नहीं किया जा सकता।भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष जप नड्डा ने भी जवाब देते हुए कहा की एक वंश से अलग नेता भी देश के लिए योगदान दे रहे हैं ये कुछ लोगो से देखा नहीं जा रहा उन्होंने कहा था कि पीएम संग्रहालय राजनीति से परे एक प्रयास है जिसको हम राजनीती से दूर रखना चाहते है। नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी एक वैश्विक ऐतिहासिक स्थल और किताबों एबं अभिलेखों का भंडार है.यह संसथान दिल्ली के तीन मूर्ति मार्ग पर स्थित है.यह निवास 1930 में बना था और यह तीन मूर्ति हाउस पहले भारत में कमांडर इन चीफ का आधिकारिक निवास था. आजादी के दौर के बाद यह पीएम जवाहरलाल नेहरू का आधिकारिक निवास बना था.इस निवास में अपने निधन से पहले 16 साल नेहरू यहीं रहे थे। निधन के बाद इस भवन में एक संग्रहालय और एक पुस्तकालय के निर्माण का प्रस्ताव रखा गया जो की मान लिया गया.इसी के बाद नेहरू स्मारक संग्रहालय का उद्घाटन हुआ और NMML सोसायटी की स्थापना हुई ।

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