Raipur-गोठनो पर मुख्यमंत्री बयान, सरकार गाय के नाम पर भ्रष्टाचार कर रही है

छत्तीसगढ़ में बीजेपी के नेता गौठानों में जाकर निरीक्षण कर रहे है….साथ ही घोटाले के आरोप लगा रहे हैं..जिस पर सीएम भूपेश बगेल ने कहा कि इनको गौशाला और गौठान में अंतर समझ में नहीं आता और दूसरी बात यह है बड़ी-बड़ी गाड़ियों में घूमने वाले उनकी गाड़ियों में बढ़िया विदेशी कुत्ते रहते हैं, अब वह गाय और गरवा के बारे में क्या समझेंगे, चुनाव आ गया तब गौठान जा रहे हैं उससे पहले नहीं गए थे।

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कभी गए हैं क्या और गए हैं तो अच्छी बात है जाए और बताएं नया काम है, नई योजना है बहुत सारे काम करने हैं, उनको कोई अनुभव होता है तो बताएं यह काम और होना चाहिए गाय के नाम से वोट लेते हैं, कभी जाकर सेवा कर लें और गौठानों में जा भी रहे हैं तो गर्मी के दिनों में, इस समय कौन से गौठान में मवेशी रहते है, छत्तीसगढ़ में परंपरा नहीं है यह तो फागुन महीने के बाद वैसे भी सब मवेशी खुले हुए रहते हैं और कहीं पेड़ के छाए में नदी-नाले के किनारे में ऐसे ही बैठे रहते हैं। जहां पानी है छाया हैं या खुले में व्यवस्था है अब वहां गौठान में गाय नहीं है, आप चरवाहे को पूछ लो वह खुद ही चराने नहीं जाता तो गर्मी के दिन में नहीं होता इसीलिए तो रोका छेका करते हैं जब फसल लगना शुरू होता है उस समय रोका छेका करते हैं ताकि जितने भी मवेशी हैं उसको इकट्ठा करें।


जा रहे हैं अच्छा है लेकिन कुछ अच्छे सुझाव देना चाहिए जिसको हम लोग भी अमल करें विपक्ष का काम है यदि कोई सुझाव हो तो देना चाहिए ताकि हम लोग काम कर सके सुधार कर सकें।कुछ कमी खामी है उसको सुधारने का काम लेकिन केवल आप को टारगेट दे दिया इनका काम कैसे रहता है, इनका पहले कमीशन फिक्स हो जाता था तब वह योजना शुरू होती थी चप्पल में कितना कमीशन कॉपी पुस्तक में कितना कमीशन मोबाइल में कितना कमीशन टिफिन में कितना कमीशन तब वह योजना लॉन्च करते थे अब यह पहले से मन बना लिए हैं 1 दिन गए गौठान में गोढ़ी के और बता दिए 13 करोड़ का घोटाला तो पहले से तय है, इसकी स्क्रिप्ट पहले से तय है और उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लिया तो आप केवल उस नजरिए से जा रहे हैं जबकि छत्तीसगढ़ के इस मॉडल को पूरा देश और दुनिया सराह रही है उसकी तरफ देख रही है और मध्य प्रदेश के गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष आए थे तारीफ करके गए मंत्री लोग हैं।

वे आकर तारीफ करके गए, केंद्रीय मंत्री सांसदों की टीम आ गई गुजरात की टीम आ गई ,कितनी ही विधानसभा की टीम आ गई जो अध्ययन करके जा रही है और इनको भ्रष्टाचार नजर आ रहा है। मान लो कोई नई योजना है नया कार्यक्रम है कोई 1 दिन का नहीं है आपको मैं बता दूं जब गौठान बनाना शुरू किए तब जमीन चिन्ह अंकित किए अब डेढ़ लाख एकड़ जमीन हम लोगों ने आरक्षित कर ली उसके बाद फिर उसको कैसे बनाना है उसको बताया क्योंकि अधिकारी कर्मचारी को इतना मालूम नहीं था हम लोग गांव के रहने वाले हैं तो हमें मालूम है उसने क्या-क्या आवश्यकता पड़ती है तो धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं उसमें इनको तकलीफ क्या हो रही है।

REPORT BY – लविंदर पाल सिंघोत्रा

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